नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने साफ कर दिया है कि वह साध्वी प्रज्ञा पर दिए गए बयान को वापस नहीं लेंगे. उन्होंने कहा कि मैंने अपनी स्थिति साफ कर दी है. मैं अपने बयान पर कायम हूं और माफी नहीं मागूंगा.
राहुल का यह बयान तब आया है, जब प्रज्ञा को आतंकी कहने पर भारतीय जनता पार्टी ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. सदन में साध्वी प्रज्ञा के माफी मांगने के बाद गोड्डा से बीजेपी के सांसद डॉक्टर निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि उनके खिलाफ मोशन ऑफ प्रिविलेज का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
निशिकांत ने राहुल के बयान को महात्मा गांधी की हत्या से भी बदतर कृत्य बता दिया. उन्होंने शिवसेना को भी लपेटे में लेते हुए कहा कि कांग्रेस सत्ता और लालच के लिए किसी भी सीमा तक जा सकती है. महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार बना ली. शिवसेना ने सामना में गोडसे को देशभक्त बताया था.
साध्वी ने सदन में मांगी माफी
गौरतलब है कि गोडसे को देशभक्त बताने के बयान पर मचे बवाल के बाद शुक्रवार को साध्वी प्रज्ञा ने सदन में माफी मांग ली थी. साध्वी प्रज्ञा ने अपने बयान को तोड़- मरोड़कर पेश किए जाने का आरोप लगाते हुए खुद को आतंकी बताए जाने को महिलाओं का, संन्यासियों का अपमान बताया था.
कैसे शुरू हुआ विवाद
संसद के शीतकालीन सत्र में नाथुराम गोडसे पर घमासान मचा हुआ है. गोडसे को लेकर इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब लोकसभा में एसपीजी अमेंडमेंट बिल पर चर्चा के दौरान डीएमके सांसद ए राजा बोल रहे थे. राजा ने नाथुराम गोडसे के उस बयान का उल्लेख किया, जिसमें गोडसे ने बताया था कि उसने महात्मा गांधी को क्या मारा.
बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने ए राजा को टोकते हुए गोडसे को देशभक्त बताया था. साध्वी के इस बयान के बाद सदन में खूब हंगामा हुआ. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था, ‘आतंकी साध्वी प्रज्ञा ने आतंकी गोडसे को देशभक्त बताया.’