राष्‍ट्रपति राजपक्षे की घोषणा, कहा- श्रीलंका में भारतीय मछुआरों की पकड़ी गई सभी नावों को छोड़ा जाएगा

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इंडिया रिपोर्टर लाइव

नई दिल्ली। श्रीलंका के राष्‍ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के साथ शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय वार्ता की। प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति को जीत की बधाई दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह हमारे लिए सम्मान की बात है कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को चुना और पद संभालने के दो हफ्ते के भीतर भारत में हमें उनका सम्मान करने का मौका दिया।

पीएम मोदी ने कहा, ‘आपसी सुरक्षा के लिए और आतंकवाद के विरुद्ध आपसी सहयोग को और मजबूत करने पर मैंने राष्ट्रपति राजपक्षे के साथ विस्तार से चर्चा की है। बताया गया कि भारत इसके मद्देनजर श्रीलंका को राशि भी प्रदान कर रहा है।’

पीएम मोदी ने कहा, ‘प्रमुख भारतीय संस्थानों में श्रीलंका के पुलिस अधिकारी काउंटर टेरर ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे हैं।’राष्ट्रपति राजपक्षे ने कहा, ‘हमने कई मुद्दों पर बात की। हमने इस पर भी चर्चा की कि भारत और श्रीलंका कैसे जरूरी आर्थिक मुद्दों पर एकसाथ मिलकर काम कर सकते हैं।’

पीएम मोदी ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि श्रीलंका सरकार तमिलों की समानता, न्याय, शांति और सम्मान की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए रिकॉन्सिलेशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी’।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आपको(श्रीलंका राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे) प्राप्त जनादेश एक संगठित, मजबूत और समृद्ध श्रीलंका के लिए श्रीलंका के लोगों की आकांक्षाओं को अभिव्यक्त करता है। इस संबंध में भारत की शुभेच्छा और सहयोग हमेशा श्रीलंका के साथ है।’

पीएम मोदी ने कहा, ‘चुनाव में निर्णायक जीत के लिए मैं राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को हार्दिक बधाई देता हूं। चुनाव प्रक्रिया सुचारु रूप से संपन्न हुई, इसके लिए मैं श्रीलंका की जनता को बधाई देता हूं। श्रीलंका में लोकतंत्र की मजबूती और परिपक्वता बहुत गर्व और खुशी का विषय है।’

इससे पहले श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के भारत आगमन पर राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्‍वागत किया। इसके बाद  हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गोटाबाया ने मुलाकात की। उन्‍होंने राजघाट पर महात्मा गांधी के स्मारक पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

गोटाबाया राजपक्षे ने कहा था, ‘राष्ट्रपति के रूप में मैं अपने कार्यकाल के दौरान श्रीलंका और भारत के संबंधों को उच्च स्तर पर ले जाना चाहता हूं। दोनों देशों में लंबे समय से मित्रता है। हमें अपने लोगों के आर्थिक विकास और सुरक्षा के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।’

तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर यहां आए नवनिर्वाचित श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के बीच महत्वपूर्ण क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर की दिशा में बात हो सकती है। बता दें कि राजपक्षे गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचे थे। राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है। भारत पधारे राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे का स्वागत केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने किया था।

श्रीलंका के राष्ट्रपति एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ यहां पहुंचे हैं, जिसमें विदेश सचिव रविनाथ आर्यसिंह और ट्रेजरी सचिव एस आर एट्टीगले शामिल हैं। अब जहां शुक्रवार को वे राष्ट्रपति भवन में एक औपचारिक स्वागत समारोह में शामिल होने पहुंच गए है। 

जानकारी के मुताबिक, हैदराबाद हाउस में बातचीत करने के बाद, पीएम मोदी और राजपक्षे अपनी तरफ से प्रेस वक्तव्य जारी करेंगे। उनके शनिवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम में भी शामिल होने की उम्मीद है। बाद में शाम को राजपक्षे श्रीलंका के लिए रवाना होंगे।

विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक बयान में कहा था कि भारत सरकार श्रीलंका में नई सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है और उम्मीद जताई है कि यह द्वीप राष्ट्र में रहने वाले तमिल समुदाय की आकांक्षाओं को पूरा करेगी। बता दें कि 70 वर्षीय राजपक्षे ने श्रीलंका में हाल ही में संपन्न राष्ट्रपति चुनावों में यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के उम्मीदवार साजिथ प्रेमदासा को 13 लाख से अधिक मतों से हराया था। वे राष्ट्रपति बनने वाले राजपक्षे परिवार के दूसरे सदस्य हैं।

श्रीलंकाई चुनावों के नतीजों के बाद पीएम मोदी ने राजपक्षे को टेलीफोन पर उनकी चुनावी जीत की बधाई दी थी। प्रधानमंत्री ने राजपक्षे को अपने बधाई संदेश में कहा था कि वह दोनों देशों के बीच घनिष्ठ और भ्रातृ संबंधों को गहरा करने और शांति, समृद्धि के साथ-साथ क्षेत्र में सुरक्षा के लिए उनके साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं।

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