
इंडिया रिपोर्टर लाइव
दिग्गज ऐक्टर चंद्रशेखर वैद्य का निधन हो गया है। वह 97 साल के थे और उन्होंने मुंबई स्थित अपने घर पर 16 जून की सुबह आखिरी सांस ली। बताया जा रहा है कि चंद्रशेखर वैद्य को किसी तरह की कोई बीमारी नहीं थी और बीते हफ्ते सिर्फ एक दिन के लिए ही उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
चंद्रशेखर वैद्य के बेटे अशोक ने बताया कि उनके पापा का निधन नींद में ही हो गया। वह बस बीते हफ्ते गुरुवार को बस एक दिन के लिए ही अस्पताल में रहे थे। उसके बाद पूरा परिवार चंद्रशेखर को घर ले आया। चंद्रशेखर के बेटे के मुताबिक, बीती रात भी उनके पापा एकदम ठीक थे, लेकिन 16 जून की सुबह 7 बजे उनका निधन हो गया। चंद्रशेखर वैद्य का आज शाम 4 बजे विले पार्ले के पवन हंस में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
वहीं अमित बहल ने बातचीत में चंद्रशेखर वैद्य के निधन पर शोक जताया और इसे ‘बड़ा नुकसान’ बताया। उन्होंने बताया कि चंद्रशेखर सर, आशा पारेख, मिथुन दा (मिथुन चक्रवर्ती), अमरीश पुरी, अमजद खान और राम मोहन ने सरकार से उस जमीन प्राप्त करने में अहम रोल प्ले किया था, जहां उनके लिए नया भवन बन रहा है। अमित बहल ने कहा कि वह उस भवन के उद्घाटन में चंद्रशेखर वैद्य की उपस्थिति को लेकर बहुत उत्सुक थे।
चंद्रशेखर वैद्य ने 50 और 60 के दशक में कई फिल्मों और टीवी शोज में काम किया था। कई फिल्मों में उन्होंने मशहूर किरदार निभाए। रामानंद सागर की ‘रामायण’ में सुमंत का किरदार निभाकर चंद्रशेखर वैद्य दुनियाभर में मशहूर हो गए थे। लोग उन्हें असल जिंदगी में भी सुमंत के किरदार से ही पहचानते थे। चंद्रशेखर वैद्य ने 100 से अधिक फिल्मों में छोटे-बड़े रोल किए। लेकिन उनकी निजी जिंदगी बहुत संघर्षों से भरी रही। चंद्रशेखर वैद्य की 13 साल की उम्र में ही शादी हो गई थी। वह पढ़ना चाहते थे, लेकिन 7वीं कक्षा तक की ही पढ़ाई कर पाए। इसके बाद चंद्रशेखर वैद्य की ऐक्टिंग में एंट्री हो गई। उन्होंने साल 1954 में ‘औरत तेरी ये कहानी’ से ऐक्टिंग की दुनिया में कदम रखा।
रामायण में निभाया सुमंत का किरदार
उन्होंने अपने करियर में 110 से ज्यादा फिल्में की हैं। जिनमें से साल 1964 में आई फिल्म ‘चा चा चा’ और 1966 में आई फिल्म ‘स्ट्रीट सिंगर’ का उन्होंने निर्देशन भी किया है। उन्होंने रामानंद सागर की रामायण में राजा दशरथ के महामंत्री सुमंत का किरदार निभाया था। इस रोल से उन्हें खूब लोकप्रियता हासिल हुई। चंद्रशेखर, रामानंद सागर के करीबी दोस्त थे।
फिल्मों में आने के लिए किया खूब संघर्ष
साल 1923 में उनका जन्म हैदराबाद में हुआ था, बहुत कम उम्र में ही वह फिल्मी दुनिया में आ गए थे, जिस वजह से उन्हें कॉलेज की पढ़ाई छोड़ऩी पड़ी। उनकी जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी था जब उन्होंने चौकीदार का काम किया था। इसके बाद उन्होंने एक्टिंग में किस्मत आजमाई और सफल हुए। चंद्रशेखर ने भारत छोड़ो आंदोलन में भी हिस्सा लिया था। उन्होंने CINTAA एसोसिएशन का गठन भी किया।