
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 03 जनवरी 20223। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लद्दाख की भौगोलिक स्थिति और सामरिक महत्व को देखते हुए इसकी अद्वितीय संस्कृति और भाषा की रक्षा के उपायों पर चर्चा करने के लिए सोमवार को एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया। यह समिति लद्दाख में लोगों के अधिकारों की रक्षा और संस्कृति को बचाने को लेकर अधिकारियों के साथ मंथन करेगी। विशेषज्ञों ने भारत सरकार के इस कदम को महत्वपूर्ण माना है क्योंकि लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश के रूप में बनाने के बाद से ही लद्दाखी लोग अपने अधिकारों की रक्षा के लिए प्रदर्शन कर रहे थे।
17 सदस्यीय समिति का गठन
इस मामले से जुड़े एक नोट में कहा गया है कि गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता वाली समिति लद्दाख के लोगों के लिए भूमि और रोजगार की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर भी ध्यान देगी। 17 सदस्यीय समिति में लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर, क्षेत्र के सांसद, जेटी नामग्याल, लेह और कारगिल की स्वायत्त पहाड़ी परिषदों के अध्यक्ष और संयुक्त सचिव जेके और लद्दाख मामले, एमएचए शामिल होंगे। कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस और लेह एपेक्स बॉडी ने क्षेत्र के लिए छठी अनुसूची के तहत मान्यता की मांग को लेकर 7 जनवरी को जम्मू में बैठकों और प्रदर्शनों की योजना बनाई है।