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नई दिल्ली 24 फरवरी 2023। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि जी-20 आर्थिक वृद्धि और विकास के संदर्भ में जिस समाधान की तलाश कर रहा है, उसमें भारत के पास 15 प्रतिशत समाधान है। वह पुणे में सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित ‘फेस्टिवल ऑफ थिंकर्स’ को संबोधित कर रहे थे। जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा के बयान का हवाला दिया कि ‘काफी निराशाजनक वैश्विक आर्थिक परिदृश्य’ में भी भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) आधार सात प्रतिशत बढ़ रहा है और आने वाले दशक में भी बढ़ने की संभावना है। जयशंकर ने कहा कि क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा है कि इस साल दुनिया की 15 प्रतिशत वृद्धि भारत से होने वाली है, यानी हम उस समाधान का 15 प्रतिशत हैं जिसे जी-20 आर्थिक वृद्धि और विकास के संदर्भ में देख रहा है। लेकिन, यह सिर्फ विकास नहीं है जी-20 वास्तव में यह भी देख रहा है कि हमने कोविड चुनौतियों को कैसे संभाला। गौरतलब है कि भारत की जी-20 अध्यक्षता दिसंबर 2022 में शुरू हुई है।
टीकाकरण के लिए कई देशों ने संघर्ष किया
विदेश मंत्री ने कहा कि जी-20 देशों ने कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी विशाल आबादी का प्रभावी ढंग से टीकाकरण करने में भारत की सफलता का संज्ञान लिया है। जयशंकर ने कहा कि टीके लगाना बहुत आसान लगता है, लेकिन ऐसे देश हैं जिन्होंने इस टीकाकरण के लिए संघर्ष किया जबकि दुनिया ने देखा कि भारत सभी योग्य व्यक्तियों का टीकाकरण करने में कामयाब रहा।
कोरोना टीकाकरण बड़ी उपलब्धि
विदेश मंत्री ने कहा कि उनके लिए यह एक हैरान करने वाली उपलब्धि है। यह जिस सहजता और एकजुटता के साथ किया गया, वह एक बड़ी उपलब्धि है। मंत्री ने कहा कि जनवरी 2020 में कोविड-19 की शुरुआत के समय कई देशों के बीच ऐसी भावना थी कि भारत स्थिति को सही से नहीं संभाल पाएगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य का अध्ययन करने वाले कुछ गंभीर लोगों के एक समूह ने निष्कर्ष निकाला कि भारत अपनी स्वास्थ्य प्रणाली, शासन और समाज व्यवस्था के कारण महामारी से सही से नहीं निपट पाएगा, लेकिन तीन साल बाद हमने उन्हें दिखाया कि वे गलत थे। जयशंकर ने कहा कि आज वही लोग इस बात पर अचंभित हैं कि भारत ने समाज का प्रबंधन कैसे किया, उस दौर में देश ने लोगों को कैसे खिलाया, कैसे लोगों के बैंक खाते में पैसा डाला गया।
आधार आज एक जादुई संख्या बन गया है
उन्होंने कहा कि आधार आज एक जादुई संख्या बन गया है और वास्तव में वह रीढ़ है जिस पर लाखों लोगों का दैनिक अस्तित्व टिका है। भारत की प्रतिभा और क्षमताओं के बारे में बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि पहले इस देश को दुनिया के बैकऑफिस के रूप में देखा जाता था, लेकिन आज इसे नवाचारों, स्टार्ट-अप्स, यूनिकॉर्न्स, मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइन के समाज के रूप में देखा जाता है। उन्होंने कहा कि डाटा सुरक्षा और डाटा गोपनीयता डिजिटल दुनिया की सबसे बड़ी चुनौतियां हैं और उनसे जुड़े मुद्दों पर जी-20 बैठक के दौरान समाधान की उम्मीद है।
भारतीय क्षमता और प्रतिभा की विदेशों में बड़ रही मांग
उन्होंने कहा कि पहले भारतीय देश के बाहर काम मांगते थे, लेकिन अब विदेश के लोग भारत आते हैं और कहते हैं कि वे भारतीय क्षमता और प्रतिभा को पाने के लिए एक समझौता करना चाहते हैं और वे भारतीयों को वही नियम और शर्तें देने के लिए तैयार हैं जो वे अपने लोगों को देते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कई देश जो हमारे पास आए हैं, वे वास्तव में सबसे द्वीपीय और संरक्षित समाज हैं। इनमें जापान, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, यूके, डेनमार्क और पुर्तगाल शामिल हैं। अगर मैं अगले दशक की कल्पना करूं तो भारतीय प्रतिभा और क्षमता की मांग बहुत बड़ी होगी।
मंत्री ने कहा कि एक उदार देश के रूप में भारत की छवि को आकार देने वाली एकल नीति इसकी वैक्सीन डिप्लोमेसी थी। उन्होंने जमैका की विदेश मंत्री कामिना जे स्मिथ का हवाला देते हुए बताया कि कैसे भारत ने उनके देश को टीका प्राप्त करने में मदद की। उन्होंने कहा कि तुर्किये में हाल ही में आए भूकंप के दौरान चिकित्सा सहायता देने वाला भारत पहला देश था। उन्होंने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता दुनिया के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय में एक विशेष जिम्मेदारी के रूप में आया है। उन्होंने कहा कि भारत अब वैश्विक समस्याओं का समाधान करने वाला बन गया है।
आज भारत की छवि ऐसी है जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार
एस जयशंकर ने कहा कि आज भारत की छवि ऐसे देश की बन गई है जो अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। विदेश मंत्री ने कहा कि हर देश की अपनी चुनौतियां हैं किंतु कोई चुनौती राष्ट्रीय सुरक्षा से समान महत्व वाली नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जिसे न तो धकेल कर बाहर किया जा सकता है और न ही वह किसी को बुनियादी सीमा को लांघने देगा।
पश्चिमी और उत्तरी सीमा पर लंबे समय से हमें परखा जा रहा
जयशंकर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान पश्चिमी सीमा पर लंबे समय से हमें परखा जा रहा है। मैं समझता हूं कि चीजें इस बार थोड़ी अलग हैं और सभी लोग इस बात से सहमत होंगे। कुछ चीजें वर्ष 2016 और 2019 के बीच हुईं और हमें परखने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें उत्तरी सीमा पर भी परखा जा रहा है। भारत किस प्रकार से इस परीक्षा से बाहर आयेगा, यह मुकाबला करने की हमारी ताकत को प्रदर्शित करेगा। विदेश मंत्री ने कहा कि आज हमारी छवि एक ऐसे देश की है जो अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को बचाने के लिये सब कुछ करने को तैयार है। यह (भारत) काफी संयम रखने वाला देश है और यह ऐसा देश नहीं है जो दूसरों से लड़ता रहता है, लेकिन यह ऐसा देश भी नहीं है जिसे धकेल कर बाहर किया जा सकता है। यह ऐसा देश है जो बुनियादी सीमा को किसी को लांघने नहीं देगा।
भारत वैश्विक दक्षिण की आवाज बन रहा है
यूक्रेन संघर्ष का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस संघर्ष के कारण जिस प्रकार के दबाव आए, ऐसे क्षण भी आए जब हमारी स्वतंत्रता की भावना और विश्वास को परखने का प्रयास किया गया।उन्होंने कहा कि हमें एक स्वतंत्र और दूसरे के अधिकारों के लिए खड़े होने वाले के रूप में देखा जा रहा है और इसके साथ ही हम वैश्विक दक्षिण की आवाज भी बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले महीने हमारी जी20 से पहले की विचार विमर्श प्रक्रिया हुई, यह पहली बार हुई। हमने जी20 समूह के अध्यक्ष के रूप में प्रधानमंत्री के स्तर पर, स्वयं विदेश मंत्री के स्तर पर, वित्त मंत्री, कारोबार मंत्री और पर्यावरण मंत्री के स्तर पर वैश्विक दक्षिण के 125 देशों के साथ विचार विमर्श किया।