इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत हाइड्रोक्सीकोलोरोक्विन दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की बजाए उन देशों की मदद करेगा जिन्हें इसकी जरुरत है। उन्होंने देशवासियों को यह सुनिश्चित किया कि भारत में इसकी मांग और स्टॉक में कोई कमी नहीं आएगी।सूत्रों का कहना है कि बैठक में दवा उत्पादन को बढ़ाने और इसे उन देशों के लिए उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया, जिन्होंने इसकी आपूर्ति का अनुरोध किया है। वहीं अधिकारियों ने इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा। तब प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे खराब स्थिति में भारत में दवा की भावी अनुमानित खपत के आंकड़े मांगे।
वर्तमान की उत्पादन क्षमता को ध्यान में रखते हुए इस दवा को मरीजों, उनके करीबी संपर्कों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को दिया जाता है। सूत्र के अनुसार, ‘प्रधानमंत्री ने कहा कि वह भारत और दुनिया के लिए इस अवसर को सीज करना चाहते हैं। यह एक महत्वपूर्ण पल है जब भारत लोगों की जिंदगियां बचा सकता है और हम इसे हाथ से जाने नहीं देंगे। माना जाता है कि प्रधानमंत्री कोविड-19 को लेकर हो रहे शोध पर करीब से नजर बनाए हुए हैं और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के बारे में पढ़ने के बाद, उन्होंने फार्मा कंपनियों के कुछ प्रमुखों को भारत की उत्पादन क्षमता के बारे में जानकारी देने के लिए बुलाया। गुजरात से होने की वजह से उनकी दवा उद्योग को लेकर उन्हें काफी अच्छी जानकारी है और उन्होंने दवा कंपनियों से इसका उत्पादन बढ़ाने की मांग की। सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने ऐसा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई बातचीत से पहले किया था। रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, ‘जब हम भारत की उत्पादन क्षमता के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी देने गए, तो उन्हें पहले से ही इसके बारे में पता था। वह चाहते थे कि हम आगे बढ़ें। उनका निर्देश था कि सभी हितधारक एक मंच पर आकर तुरंत इसके उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करें।’
जाइडस कैडिला के सीईओ पंकज पटेल ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने यह कहकर उद्योग को प्रेरित किया कि यह भारत के लिए वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने का एक अवसर है। उन्होंने हमें मदद का आश्वासन दिया और परिणाम सभी देख सकते हैं। इस महीने हमारे उद्योग ने 20 करोड़ टैबलेट्स का उत्पादन किया है। मेरी कंपनी अगले महीने 15 करोड़ एपीआई टैबलेट का उत्पादन करेगी।