इंडिया रिपोर्टर लाइव
दुबई 14 दिसंबर 2023। कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के मुद्दे पर चीन की प्रतिक्रिया के बाद अब मुस्लिम देशों के संगठन का भी विवादित रिएक्शन सामने आया है। इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी ने अनुच्छेद 370 को हटाने को सही ठहराने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चिंता जताई है। ओआईसी ने जहर उगलते हुए इसे भारत का एकतरफा कदम बताया व कहा कि इसे वापस लिया जाना चाहअए।इससे पहले पाकिस्तान ने भी भारत के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया जताई थी। भारत के सुप्रीम कोर्ट के अनुच्छेद 370 को जम्मू-कश्मीर से हटाने के फैसले को सही ठहराने के बाद बौखलाई पाकिस्तान की केयर टेकर सरकार ने इस मामले को इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी के समक्ष उठाया जिसके बाद ओआईसी भी अनुच्छेद 370 विवाद में कूद पड़ा ।
सऊदी अरब की अगुवाई वाले ओआईसी के महासचिव के कार्यालय ने एक बयान जारी करके कहा है कि भारत एकतरफा उठाए गए सभी कदमों को वापस ले। भारत ने इसका करारा जवाब देते हुए इस्लामिक सहयोग संगठन ओआईसी की टिप्पणियों को दृढ़ता से खारिज कर दिया है । ओआईसी ने एक्स पर पोस्ट किए गए अपने बयान में कहा, ‘ ओआईसी महासचिव कार्यालय भारतीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चिंता व्यक्त करता है जिसमें भारत सरकार के 5 अगस्त 2019 को एकतरफा उठाए गए कदमों को सही ठहराया गया है। इसके तहत जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म कर दिया गया।’ ओआईसी ने इस्लामिक शिखर सम्मेलन और ओआईसी विदेश मंत्रियों की परिषद के प्रस्तावों तथा फैसलों को भी साझा किया । गाजा पर कुछ नहीं कर पाने वाले ओआईसी सी ने कश्मीर के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करने का दिखावा किया।
ओआईसी ने यह भी कहा कि कश्मीर मुद्दे का समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रस्तावों के अनुरूप किया जाए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कर दिया था कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला संविधान के मुताबिक है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। करीब 1 दर्जन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने यह मोदी सरकार के हक में फैसला दिया। भारतीय सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद पाकिस्तान सरकार ने कहा था कि वह भारत के सुप्रीम कोर्ट और संविधान को नहीं मानता है और फैसले को खारिज करता है। वहीं चीन ने भी इस फैसले पर आपत्ति जताई थी और भारत को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के मुताबिक इसका समाधान करना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ओआईसी के बयान को “गलत जानकारी वाला और गलत इरादे वाला” करार देते हुए ओआईसी की कार्रवाई पर सवाल उठाया कि “मानवाधिकारों के सिलसिलेवार उल्लंघनकर्ता और सीमा पार आतंकवाद के एक बेपरवाह प्रमोटर (पाकिस्तान) के इशारे पर की जा रही है।” बागची ने कहा कि भारत ओआईसी के जनरल सचिवालय द्वारा जारी किए गए बयान को खारिज करता है। यह ग़लत सूचना और ग़लत इरादा दोनों है। बागची ने एक मीडिया प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, ओआईसी मानवाधिकारों के सिलसिलेवार उल्लंघनकर्ता और सीमा पार आतंकवाद के एक बेपरवाह प्रमोटर के इशारे पर ऐसा करता है, जिससे उसकी कार्रवाई और भी संदिग्ध हो जाती है। हालाँकि, उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया।