
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 01 अप्रैल 2025। भारत में जल्द ही हाइड्रोजन ट्रेन का संचालन शुरू होने वाला है। इसका ट्रायल पहले ही शुरू हो चुका है और यह ट्रायल हरियाणा के सोनीपत-जींद रूट पर चल रहा है। इस ट्रेन का निर्माण चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में किया गया है। यह ट्रेन 89 किलोमीटर लंबे रूट पर 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी। इस हाइड्रोजन ट्रेन में 8 कोच होंगे और यह एक बार में 2638 यात्रियों को ले जाने की क्षमता रखती है। यह ट्रेन बिजली और डीजल के बिना चलेगी, जो इसे पारंपरिक रेलगाड़ियों से पूरी तरह अलग बनाती है। इस ट्रेन में खास तरह के फ्यूल सेल का इस्तेमाल किया गया है, जो हाइड्रोजन गैस और ऑक्सीजन से बिजली पैदा करते हैं। इस प्रक्रिया में केवल पानी (H₂O) और ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिससे किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता।
यह ट्रेन पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त है, क्योंकि इसे चलाने के लिए कोयले, डीजल या बिजली की जरूरत नहीं पड़ती। हाइड्रोजन ट्रेन के चलने से पर्यावरण पर सकारात्मक असर पड़ेगा और यह भारत की हरित प्रौद्योगिकी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस ट्रेन का ट्रायल सुरक्षा मानकों और तकनीकी क्षमता को परखने के लिए किया जा रहा है।
आने वाले समय में और ट्रेनें
यदि ट्रायल सफल रहता है, तो इस ट्रेन का संचालन जल्दी ही शुरू हो जाएगा। फिलहाल भारत में 35 हाइड्रोजन ट्रेनें तैयार की जा रही हैं, जिनमें से 600 करोड़ रुपये का विशेष फंड रखा गया है। यह ट्रेन टिकाऊ और स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा देने का एक बड़ा कदम है। इंडियन रेलवे ने ‘हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज’ नामक परियोजना के तहत पहाड़ी और हेरिटेज रूट्स पर इन हाइड्रोजन ट्रेनों को चलाने का भी ऐलान किया है।
भारत में पहली बार
भारत में बनाई जा रही यह हाइड्रोजन ट्रेन दुनिया की सबसे लंबी और तेज हाइड्रोजन ट्रेन होगी। इसके संचालन से भारत अपनी कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में एक अहम कदम बढ़ा रहा है। यह हाइड्रोजन ट्रेन भारतीय रेलवे के लिए एक नई शुरुआत है, जो पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ परिवहन के क्षेत्र में एक बड़ा कदम साबित होगा।