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नई दिल्ली 22 अगस्त 2023। वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के नए स्वरूपों का पता चलने के बीच, केंद्र ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की और राज्यों से वायरस के नमूनों का संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण बढ़ाने तथा नए स्वरूपों पर करीबी नजर रखने को कहा। एक आधिकारिक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा ने विचार-विमर्श के बाद कहा कि देश में कोविड की स्थिति स्थिर बनी हुई है और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियां तैयार हैं, लेकिन इस बात की जरूरत कायम है कि राज्य इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) के मामलों पर नजर रखने की जरूरत है।
उन्होंने जीनोम अनुक्रमण में तेजी लाने और नए स्वरूपों पर कड़ी नजर रखते हुए कोविड-19 की जांच के लिए पर्याप्त नमूने भेजने पर भी जोर दिया। स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने कोविड-19 की वैश्विक स्थिति का अवलोकन पेश किया जिसमें सार्स-सीओवी-2 के नए स्वरूपों का जिक्र भी शामिल था।
वायरस के नए स्वरूपों में बीए.2.86 (पिरोला) और ईजी.5 (एरिस) शामिल हैं, जो विश्व स्तर पर सामने आए हैं। बयान में कहा गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, एरिस 50 से अधिक देशों में सामने आया है जबकि पिरोला चार देशों में मिला है। इस बात को रेखांकित किया गया कि पिछले सात दिन में वैश्विक स्तर पर कोविड के कुल 2,96,219 नए मामले सामने आए, वहीं भारत में इस दौरान केवल 223 नए मामले सामने आए।
उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन वैश्विक और राष्ट्रीय कोविड स्थिति, नए स्वरूपों और लोगों के स्वास्थ्य पर उनके प्रभाव की समीक्षा करने के लिए किया गया था। बैठक में नीति आयोग के सदस्य विनोद पॉल; कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में सलाहकार अमित खरे; भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक राजीव बहल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।