
इंडिया रिपोर्टर लाइव
वांशिगटन 13 मार्च 2025। अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान में उत्पीड़न का शिकार हुए लोगों ने अपनी आवाज बुलंद की। पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर दानिश कनेरिया इसमें शामिल होने वाले चर्चित चेहरों में प्रमुख रहे। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में दुर्दशा और भेदभाव झेलने वाले लोगों ने अपनी आवाज उठाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में उन्हें और मान सम्मान मिल सकता था, लेकिन उनका करियर तबाह कर दिया गया। कनेरिया ने इस आयोजन के मकसद के बारे में कहा, अमेरिका को पाकिस्तान में हो रहे गलत बर्ताव के खिलाफ जानकारी देने का प्रयास किया गया है। पीड़ित वर्ग पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की अपेक्षा करता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में भेदभाव के कारण लोगों को जिस तरीके का संघर्ष करना पड़ा, उसके बारे में आम लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया है। कनेरिया ने कहा कि उनके साथ जिस तरीके का भेदभाव हुआ, समान अवसर नहीं दिए गए, इस कारण उनका क्रिकेट करियर चौपट हो गया।
जब कराची की सड़क पर पत्रकार की नृशंस हत्या हुई
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा’ पर अमेरिकी कांग्रेस की ब्रीफिंग में वॉल स्ट्रीट जर्नल की पूर्व रिपोर्टर असरा नोमानी ने भी अपना डरावना अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया, “मैंने कराची, पाकिस्तान की सड़कों पर सांप्रदायिकता का वीभत्स तांडव देखा है। मेरे मित्र पत्रकार और सहकर्मी, डैनियल पर्ल का 2002 में अपहरण हुआ था। उसके बाद उनका सिर धड़ से अलग कर दिया गया। पाकिस्तान में बहुत से अल्पसंख्यकों को समान नागरिक होने के अधिकार हासिल नहीं है। सबको एक जैसी स्वतंत्रता नहीं दी जाती। बहुसंख्यक समाज की तरफ से अल्पसंख्यकों पर अपना दबदबा कायम रखने का प्रयास होता है।
विशेष रूप से पाकिस्तान में महिलाओं की दुर्दशा पर बात करने का प्रयास
पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक के रूप में अनुभव साझा करते हुए शिया मुस्लिम महिला जेबा मोहम्मद ने बताया, ‘हम सब अमेरिका में पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ बोलने के लिए एकजुट हुए हैं। वहां की सरकार अल्पसंख्यक समाज पर दबाव डाल रही है, साथ ही उन लोगों के खिलाफ भी हम आवाज बुलंद कर रहे हैं, जिनकी आवाज उठाने वाला कोई नहीं है। विशेष रूप से हम उन महिलाओं के बारे में बात कर रहे हैं जो पाकिस्तान में पीड़ित हैं। पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो अल्पसंख्यक धर्म के खिलाफ महिलाओं पर दबाव डाल रहा है। हम दुर्दशा को उजागर करने के साथ-साथ उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।