
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 29 अगस्त 2023। चीन ने हाल ही में अपने मानक मानिचत्र का नया संस्करण जारी किया। इसमें उसने भारत के अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चीन, ताइवान और दक्षिण चीन सागर को अपने क्षेत्र में दिखाया है। इसी मानचित्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि चीन के दावे बेतुके हैं और यह चीन-भारत सीमा विवाद के इतिहास से प्रमाणित है। मनीष तिवारी ने कहा कि चीन के दावे मुर्खतापूर्ण हैं। आज, भारत और चीन के बीच असली मुद्दा यह है कि चीन ने कई बिंदुओं पर एलएसी का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में सरकार को गंभीरता से आत्ममंथन करना चाहिए कि क्या दिल्ली में उस व्यक्ति (चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग) का स्वागत करना भारत के स्वाभिमान के अनुरूप होगा, जिसने सीमा के पास दो हजार वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है।
कब्जाए क्षेत्रों को खाली कराने की जरूरत
उन्होंने कहा कि पहले कब्जाए क्षेत्रों को खाली कराने की जरूरत है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि अगर संक्षेप में कहूं तो चीनी मानचित्र बेतुके हैं। ये भारत-चीन सीमा विवाद के इतिहास से मेल नहीं खाते हैं, चीन का अरुणाचल प्रदेश पर कोई दावा नहीं है।
चीन ने फिर दिखाई चालबाजी
चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक्स पर ट्वीट कर कहा था कि चीन ने सोमवार को 2023 का नया मानचित्र जारी किया है। यह नक्शा चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की ड्राइंग पद्धति के आधार पर संकलित किया गया है। ग्लोबल टाइम्स द्वारा जारी मानचित्र में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन को भी अपने क्षेत्र में दर्शाया है। बता दें, चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा मानता है। हालांकि, भारत ने चीन के इस मानचित्र को खारिज किया है। भारत का कहना था कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और भविष्य में भी यह भारत का ही अविभाज्य हिस्सा रहेगा।वहीं, चीन ताइवान को भी अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का उद्देश्य है कि वे ताइवान का एकीकरण करें। इसके लिए चीन वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और दक्षिण चीन सागर पर भी अपना दावा करता है।