
इंडिया रिपोर्टर लाइव
जिरीबाम 27 नवंबर 2024। मणिपुर के जिरीबाम हत्याकांड मामले में दोषियों की गिरफ्तारी को लेकर मंगलवार को सीएम बीरेन सिंह का बयान सामने आया हैं। जिसमें उन्होंने कहा कि जिरीबाम जिले में हाल ही में तीन महिलाओं और तीन बच्चों की हत्या में शामिल अपराधियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हालांकि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है लेकिन कई लोगों की पहचान कर ली गई है। बता दें कि 11 नवंबर को सुरक्षा बलों और संदिग्ध कुकी-जो उग्रवादियों के बीच गोलीबारी के बाद जीरीबाम जिले में राहत शिविर से मेइतेई समुदाय की तीन महिलाएं और तीन बच्चे लापता हो गए थे। मुठभेड़ में 10 उग्रवादी मारे गए थे। लापता छह लोगों के शव अगले दिन बरामद किए गए।
बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी
गोलीबारी के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि जब तक अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता और उन पर मामला दर्ज नहीं किया जाता, तब तक अभियान जारी रहेगा। जिरीबाम में 7 नवंबर और 11 नवंबर को हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के बाद राज्य सरकार सख्त होती हुई नजर आ रही है। जहां हत्याकांड के बाद सीआरपीएफ की दो कंपनियों को तुरंत भेजा गया। इसके बाद अतिरिक्त पांच कंपनियों को भेजा गया। बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चल रहा है। हालांकि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन कई लोगों की पहचान कर ली गई है।
सीएम सिंह ने कहा कि हम जनता को सूचित करना चाहते हैं कि मौजूदा परिस्थितियों में हम मीडिया के माध्यम से लगातार अपडेट नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब सरकार सार्वजनिक रूप से कुछ घोषणा करती है तो तोड़फोड़ और परिणामी अशांति के मामले सामने आते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में मुद्दों की जटिलता, जिसमें बाहरी ताकतों की संलिप्तता भी शामिल है, के बारे में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नेताओं के साथ-साथ गृह मंत्रालय को भी जानकारी दी गई है।
एनआईए ने जारी किया विज्ञप्ति
सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है कि आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने जिरीबाम में हुई सभी हत्याओं के मामले फिर से दर्ज किए हैं, जिसमें तीन महिलाओं और तीन बच्चों की हत्या, एक महिला की हत्या, सीआरपीएफ पर हमला और इसके परिणामस्वरूप 10 आतंकवादियों की मौत शामिल है। उन्होंने कहा मैं लोगों से शांत रहने की अपील करता हूं क्योंकि यह एक जटिल स्थिति है और इसे भावनात्मक रूप से नहीं निपटा जा सकता। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार उन क्षेत्रों से अफस्पा हटाने की मांग और दबाव बनाना जारी रखेगी जहां इसे फिर से लागू किया गया था। केंद्र ने हाल ही में हिंसा प्रभावित जिरीबाम सहित मणिपुर के छह पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम को फिर से लागू किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि राज्य में चल रही जातीय हिंसा के कारण लगातार अस्थिर स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
कांग्रेस ने किया राज्य सरकार पर हमला
वहीं इस मामले में कांग्रेस की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष केशम मेघचंद्र ने मंगलवार को आरोप लगाया कि राज्य की मशीनरी पूरी तरह से चरमरा गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में कानून-व्यवस्था नहीं है और जान-माल की सुरक्षा नहीं की जा रही है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने संविधान और उसमें निहित विचारों को कमजोर करने की पूरी कोशिश की है। भाजपा सरकार के कार्यों से यह स्पष्ट है कि वे अंततः संविधान के मूल सिद्धांतों को बदलना चाहते हैं और सामाजिक न्याय के विचार से दूर जाना चाहते हैं, जो संविधान का मूल है।
प्रावधानों का घोर उल्लघन करने का लगाया आरोप
मणिपुर कांग्रेस के अध्यक्ष केशम मेघचंद्र ने आगे कहा कि मणिपुर में 2017 से भाजपा सरकार की कार्रवाइयों में संविधान में निहित प्रावधानों का घोर उल्लंघन किया गया है और राज्य में अभूतपूर्व राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है। उन्होंने कहा कानून-व्यवस्था नहीं है, जान-माल की सुरक्षा नहीं है, राज्य मशीनरी पूरी तरह से चरमरा गई है। भयावह मानवीय त्रासदी है, जिसके कारण मई 2023 से 300 निर्दोष नागरिकों की हत्या हो चुकी है और 60 हजार से अधिक लोग बेघर हो गए हैं।