इंडिया रिपोर्टर लाइव
काेलकाता 31 जुलाई 2023। पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में जिला पंचायत चुनाव जीतने वाले चार विपक्षी नेताओं ने टीएमसी समर्थकों पर उनका अपहरण करने का आरोप लगाया है। हालांकि टीएमसी ने इन आरोपों से इनकार किया है। पंचायत चुनाव जीतने वाली भाजपा उम्मीदवार पूजा छतुई, कमला मंडल, सुशांत मंडल और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार नारायण हलदर गुरुवार को लापता हो गए थे।
परिजनों ने लगाया था अपहरण का आरोप
परिजनों ने टीएमसी पर नेताओं को अगवा करने का आरोप लगाया। इस बीच पंचायत प्रतिनिधियों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसमें इन पंचायत प्रतिनिधियों ने दावा किया कि वह सुरक्षित हैं और सुंदरबन में एक स्थान पर रह रहे हैं। पंचायत प्रतिनिधियों ने वीडियो में ये भी कहा कि अगस्त के मध्य में पंचायत बोर्ड गठित होने के बाद वह घर लौट आएंगे। हालांकि रविवार को ही ये सभी नेता अपने-अपने घर वापस लौट आए।
टीएमसी समर्थकों ने किया अगवा
वापस आने के बाद इन नेताओं ने मीडिया के सामने आरोप लगाया कि उनका अपहरण किया गया था और उन्हें सुंदरबन के एक मकान में रखा गया था। नारायण हलदर ने बताया कि उनसे एक खाली पन्ने पर हस्ताक्षर कराए गए और पूर्व में जारी किया गया वीडियो शूट कराया। अपहरणकर्ताओं ने सभी को शनिवार रात छोड़ दिया। माकपा नेता कांति गांगुली ने आरोप लगाया कि टीएमसी चुनाव में बहुमत साबित नहीं कर सकी, इसलिए टीएमसी ने पंचायत बोर्ड बनाने के लिए चार नेताओं का अपहरण किया। हालांकि बाद में खुद को घिरता देख टीएमसी ने इन नेताओं को छोड़ दिया।
टीएमसी ने आरोपों से किया इनकार
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी टीएमसी को निशाने पर लिया और कहा कि टीएमसी लोकतंत्र में भरोसा नहीं करती। मजूमदार ने कहा कि टीएमसी ने पंचायत बोर्ड पर कब्जे की कोशिश की लेकिन मीडिया में मामला आने के चलते उन्हें विपक्षी नेताओं को छोड़ना पड़ा। वहीं कैनिंग पुरबा से टीएमसी विधायक शौकत मोल्ला ने दावा किया कि विपक्षी नेता राज्य सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों से प्रभावित थे और टीएमसी में शामिल होना चाहते थे लेकिन जब उन्हें ये एहसास हुआ कि उन्हें पार्टी में शामिल नहीं किया जाएगा तो उन्होंने अपने अपहरण की कहानी गढ़ी।