घातक महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) ने भले पूरी दुनिया की रफ्तार को महीनों के लिए थाम दिया हो। लेकिन इस बीच फुटबॉल (Football in covid- 19 time) का रोमांच दुनिया के किसी न किसी कौने में दिखता ही रहा। भले ही कई बड़ी लीग और टूर्नमेंट कोविड- 19 के चलते स्थगित या रद्द हुए हों लेकिन इसके बावजूद कई देशों में फुटबॉल संभल-संभलकर खेला जा रहा था।
साउथ कोरिया में के-लीग
साउथ कोरिया का फुटबॉल सीजन कोरोना के कारण दो महीने तक टला रहा। लेकिन मई की शुरुआत में खाली स्टेडियम में (बिना दर्शकों के) इसे शुरू कर दिया गया। हालांकि खिलाड़ियों को भी यहां गोल का जश्न मनाते हुए किसी दूसरे खिलाड़ी को छूने की अनुमति नहीं थी।
तजाकिस्तान में चला सुपर कप
दुनिया के ज्यादातर देश मार्च के मध्य से ही कोविड- 19 महामारी के चलते सख्त लॉकडाउन में चले गए थे। लेकिन तजाकिस्तान में अप्रैल की शुरुआत से ही फुटबॉल खेला जा रहा था। ताजिकिस्तान की राजधानी डुशबेन में सुपर कप खेला गया। यहां दर्शकों को स्टेडियम में आने की इजाजत नहीं थी लेकिन फुटबॉल जारी था।
जर्मनी में शुरू हुई बुंडेसलीगा
कोरोना के बीच जर्मनी में दो महीने बाद खाली स्टेडियमों में फुटबॉल की वापसी हुई। यहां लॉकडाउन के बाद बुंडेसलीगा का फिर आगाज हुआ। इस तरह कोरोना के बाद यह फिर से शुरू होने वाली पहली यूरोपीय लीग बन गई।
तीन महीने बाद शुरू हुई ला लीगा
कोविड-19 के कारण तीन महीने तक स्थगित रही स्पेन की मशहूर लीग ला-लिगा भी अब शुरू हो चुकी है। हालांकि स्वास्थ्य कारणों को ध्यान में रखकर फिलहाल यह लीग दर्शकों के बिना खेली जा रही है। इसमें मेसी जैसे स्टार खिलाड़ी भी खेल रहे हैं।
हंगरी में फुटबॉल देखने तो दर्शक भी पहुंचे
हंगरी कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के बाद दर्शकों को स्टेडियम में आने की अनुमति देने वाला पहला यूरोपीय देश बना। हंगरी फुटबॉल संघ ने अपने क्लबों को कुछ शर्तों के साथ स्टेडियम को प्रशंसकों को आने की छूट दी।
और इन देशों में तो रुका ही नहीं फुटबॉल
बेलारूस, तुर्कमेनिस्तान और ताइवान जैसे देशों ने कोरोना वायरस के बावजूद अपने यहां फुटबॉल मुकाबले नहीं रोके थे। हालांकि यहां कोरोना से बचाव और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर जरूरी कदम जरूर उठाए गए।