सीधी मध्य प्रदेश03/07/2020 पूर्व निर्धारित काक्षर्यक्रम के अनुसार आंगनबाड़ी एवं सहायिका यूनियन मध्य प्रदेश के द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिका, आशा कर्मी के जीवन से जुड़े हुए तमाम ज्वलंत सवालों पर राज्य शासन एवं केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए प्रधानमंत्री भारत सरकार मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश सरकार के नाम ज्ञापन एसडीम सीधी के द्वारा सौंपा गया। ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका ,आशा कर्मी भरी बरसात में सांप बिच्छू का सामना करते हुए गांव गांव में जाकर के अपने केंद्र में जाकर के और शासन के आदेश का बखूबी पालन कर रही हैं ।लेकिन शासन सबसे ज्यादा अगर किसी की उपेक्षा कर रहा है तो हमारी इन सभी बहनों का। कोविड-19 से जूझने के फ्रंट लाइन में आशा कर्मी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका रहती है न इनको मास्क दिया गया है न इनको कीट दिया गया है नाही इनको केंद्र एवं सुदूर गांव तक जाने के लिए कोई संसाधन मुहैया कराया गया है।
ऐसी परिस्थिति में यह स्वयं अपने साधन से अपने केंद्र में और गांव में जाकर के अपने जिम्मेदारी का निर्वहन कर रही हैं जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है ।कोविड-19 के कारण सार्वजनिक आवागमन के साधन बंद हो जाने से इनको केंद्र में आना जाना काफी महंगा पड़ता है और ऊपर से 3 महीने से इनका मानदेय नहीं मिलने से और भी संकट गहरा हो गया है। केंद्र सरकार ने और राज्य सरकार ने मिलकर के 11हजार5सौ रुपए मानदेय निर्धारित किए थे किंतु मध्य प्रदेश की सरकार ने मानदेय घटा करके और केंद्र और राज्य शासन को मिला करके मात्र ₹10हजार हमारी बहनों को मुहैया करा रहे थे। ऐसी हालत में जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने उच्च न्यायालय जबलपुर में पंद्रह सौ रुपया प्रतिमाह हमारी बहनों को अतिरिक्त दिलवाने के लिए याचिका लगा रखी है। हमारी शासन से मांग है की अविलंब 3 महीने का सामान्य मानदेय एवं 2018 से पंद्रह सौ रुपया लंबित अतिरिक्त मानदेय का एरियर्स बनाकर एकमुश्त भुगतान करें।
हमारे कार्यकर्ताओं को केंद्र तक जाने के लिए और सामग्री केंद्र तक पहुंचाने के लिए साधन हमें मुहैया कराएं या सामग्री को केंद्र तक ले जाने के लिए जो खर्च लगता है वह सब जोड़ करके हमें प्रदान करें। कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए सुरक्षा सामग्री जिसमें मास्क है सेफ्टी किट है सेनीटाइजर वह भी हमारी बहनों को मुहैया कराएं । आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को कर्मचारी का दर्जा दिया जाए एवं नियमित किया जाए ।आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को शासकीय रिकॉर्ड रजिस्टर उपलब्ध कराया जाए ।आंगनबाड़ी कर्मियों से केवल आईसीडीएस का ही काम कराया जाए अन्य विभागों का काम ना लिया जाए ।आंगनबाड़ी कर्मियों को मीटिंग में आने जाने का किराया एवं भत्ता मुहैया कराया जाए ।
आंगनबाड़ी एवं सहायिका यूनियन मध्य प्रदेश के प्रांतीय महासचिव एटक के प्रांतीय सचिव कामरेड विभा पांडे ने शासन को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारी मांगों को गंभीरता पूर्वक नहीं लिया गया तो उसके गंभीर परिणाम होंगे। हमारी बहने किस हालत में अपने बच्चों के साथ जिंदा है वही जानती हैं ।बार-बार आग्रह को शासन ठुकरा रहा है यह अच्छी बात नहीं है ।हमारी बहने संगठित होकर के और उग्र आंदोलन करेंगीं और जो भी नुकसान होगा उसकी जिम्मेदारी शासन की होगी 10 सेंट्रल ट्रेड यूनियन ने पूरे देश में मजदूरों के बदलते कानून, स्कीम वर्कर की बदहाली आईएलओ के अनुशंसा को लागू करके सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने आदि तमाम बातों को लेकर के आज पूरे देश में आंदोलन पर है उन्हीं के कंधे से कंधा मिलाते हुए आंगनबाड़ी एवं सहायिका यूनियन मध्य प्रदेश भी आज अपनी बहनों के साथ कामरेड विभा पांडे एवं रानी द्विवेदी के नेतृत्व में प्रदर्शन कर जिला सीधी के एसडीएम के कार्यालय के समक्ष इकट्ठा होकर के कानून का पालन करते हुए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शन में भाग लेने वालों में प्रमुख रूप से विभा पांडेम रानी द्विवेदी के अलावे मधु जायसवाल सुषमा कुशवाहा ऊपनी सेक्टर डॉली सिंह बेदुआ ।अनीता सिंह पड़री, सुधा सिंह द्रोपति सिंह रीता सिंह पनमार अनिल सिंह जमोड़ी मुन्नी द्विवेदी अकौरी अनीता द्विवेदी बम्हनी आशा दीवान सुधा गुप्ता खाम सेक्टर सुषमा मिश्रा हाड़बड़ो मिथिलेश मिश्रा चकरौड़ कमलेश दुबे मड़वास सशीमा पाठक अमिलिया रंजना पांडे नगर पालिका प्रथम सीधी एवं ढेर सारी बहनें आंदोलन में मौजूद थीं।