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जगदलपुर, 16 सितम्बर 2020। मुख्यमंत्री शहरी कार्यात्मक साक्षरता कार्यक्रम के तहत् ई-साक्षरता केंद्रों में ई-एजूकेटर के द्वारा प्रशिक्षण देकर कम्प्यूटर, मोबाइल, टेक या अन्य सभी डिजिटल तकनीकी से वंचित वर्ग को परिचित कराना और उनको सही उपयोग किये जाने संम्बधी जानकारी दिया जाता है। डिजिटल साक्षरता के साथ-साथ कार्यक्रम में व्यक्तित्व विकास, श्रेष्ठ पालकत्व, आत्मरक्षा, वित्तीय साक्षरता, विविध साक्षरता, चुनावी साक्षरता, कौशल विकास, जीवन मूल्य तथा नगरीय कर्तव्य को भी शामिल किया गया।
डिजिटल साक्षरता के रूप में इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, ट्रेन की आरक्षण दस्तावेज़ों के सेयरिंग, पेटीयम, गूगल पे इनके माध्यम से इंटरनेट के द्वारा ऑनलाइन खरीदी और विभिन्न तरह के भुगतान कैसे सुरक्षित रूप में किया जाता है, की जानकारी दे कर परिक्षणार्थियों को ई-साक्षर बनाया जा रहा है। एक माह का यह प्रशिक्षण सरकार द्वारा पूर्णतः निशुल्क है। इसे पास किये जाने पर चिप्स के माध्यम से ई-साक्षर प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। बस्तर जिले में मुख्यमंत्री शहरी साक्षरता कार्यक्रम के तहत 02 केन्द्र स्वीकृत किया गया जिसमें पहला नगर पालिक निगम जगदलपुर क्षेत्र में तथा दूसरा नगर पंचायत बस्तर विकासखण्ड बस्तर में स्वीकृत है। जिले में अब तक 511 शिक्षार्थी को ई-साक्षर बनाया गया।
मुख्यमंत्री शहरी कार्यात्मक साक्षरता कार्यक्रम ई-साक्षरता केन्द्र नगर पालिक निगम जगदलपुर से पथरागुडा निवासी सुश्री गोमती बेहरा ई-साक्षर हुई है। गोमती ने बताया कि उसने 12वीं तक शिक्षा प्राप्त की है. मुख्यमंत्री शहरी कार्यात्मक साक्षरता कार्यक्रम में अपना पंजीयन कर ई-साक्षरता केन्द्र के माध्यम से सभी प्रकार डिजिटल साक्षरता की जानकारी से अवगत हुई हैं। इस कार्यक्रम में कौशल विकास के साथ-साथ व्यक्तित्व का विकास, समय प्रबंधन, कानूनी साक्षरता, कम्प्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम की आधारभूत जानकारी को सिखाया गया। पहले मैं ई-शक्ति महिला स्वः सहायता समूह मे ऑनलाइन डाटा एंट्री का काम रही थी, और आज मैं वन विभाग में डाटा एंट्री की काम कर रही हूँ।