अमूमन हर साल सर्दियों के आगाज के साथ दिल्ली-एनसीआर में दमघोंटू होने वाले वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिखाई गई सख्ती अब असल में अपना रंग दिखाती हुई नजर आ रही है।
नई दिल्ली: अमूमन हर साल सर्दियों के आगाज के साथ दिल्ली-एनसीआर में दमघोंटू होने वाले वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिखाई गई सख्ती अब असल में अपना रंग दिखाती हुई नजर आ रही है। इसमें केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) की ओर से हाल ही में सभी 23 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) को जल्द वायु प्रदूषण को कम करने को लेकर बनाई गई तमाम तकनीकों के मॉडल और प्रोटोटाइप को आईआईटी दिल्ली के कैंपस में प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया है। इसमें से चुनी जाने वाली तकनीक को केंद्र सरकार न केवल हरिझंडी देगी बल्कि उसे धरातल पर योजनाबद्ध तरीके से लागू करने के लिए वित्तीय मदद भी प्रदान करेगी। मंत्रालय के इस निर्देश को लेकर आईआईटी संस्थानों की सकारात्मक प्रतिक्रिया सामने आ रही है। दो महीने बाद लागू होगी तकनीक केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय में उच्च-शिक्षा विभाग के सचिव आर.सुब्रमण्यम ने हरिभूमि से बातचीत में कहा कि मंत्रालय ने कुछ समय पहले ही सभी प्रौद्योगिकी संस्थानों को राजधानी दिल्ली और एनसीआर को वायु प्रदूषण की समस्या से बचाने में मदद करने को कहा है। आईआईटी दिल्ली के कैंपस में यह सभी संस्थान अपनी तकनीक को उसके मॉडल और प्रोटोटाइप के साथ जल्द प्रदर्शित करेंगे। जिसके बाद केंद्र सरकार किसी उपयुक्त तकनीक का चयन कर उसे लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाएगी। कुछ आईआईटी संस्थानों ने मंत्रालय को इस समस्या को लेकर अपने कुछ नवाचार प्रोजेक्टों के बारे में जानकारी भी दी है। अंत में चयनित तकनीक को योजना बनाकर अगले वर्ष 2020 से वायु प्रदूषण घटाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है।