बिलासपुर : गुरूनानक देव जी ने ऊंच-नीच, छुआछूत, भेदभाव और जातिवाद से ऊपर उठकर मानवता का संदेश दिया है, उसे अमल में लायें। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बिलासपुर के गुरूनानक स्कूल परिसर में श्री गुरू नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि समाज में जब कुरीतियां व्याप्त थी, ऐसे समय में गुरूनानक जी का अवतरण हुआ। वे बाल्यकाल से ही चिंतन, मनन करने वाले और मानवता के प्रति अगाद श्रद्धा उनके मन में रही है। छुआछूत को छोड़ सब एक साथ एक ही पंगत में भोजन करें, इसलिये लंगर प्रथा शुरू की। उन्होंने अज्ञानता के खिलाफ संदेश दिया। गुरूनानक देव जी एक मात्र ऐसे संत थे, जिन्होंने काफी लंबी दूरी पद यात्रा की और समानता, भाईचारा और प्रेम का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि सब एक ही ईश्वर के संतान हैं, इसमें भेदभाव नहीं होना चाहिये। समाज की समृद्धि, सुख, शांति के बिना संभव नहीं है। गुरू नानक देव जी ने एक सहज, सरल और संगठित समाज की नींव रखी। जिसमें जात-पांत और अमीर-गरीब के भेद को मिटाया। मुख्यमंत्री ने बताया कि करतारपुर की यात्रा के लिये प्रदेश सरकार की तरफ से व्यवस्था की गई है। इच्छुक व्यक्ति इस यात्रा में जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने बिलासपुर में श्री गुरूनानक देव जी के 550वें प्रकाश उत्सव पर आयोजित शानदार कार्यक्रम के लिये बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में श्री गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष श्री अमरजीत सिंह दुआ ने प्रकाश पर्व के संबंध में जानकारी देते हुए गुरू सिंह सभा एवं सिख समाज द्वारा पिछले एक वर्ष में जनकल्याण के लिये आयोजित कार्यक्रम की जानकारी दी। कार्यक्रम में विधायकद्वय श्री शैलेष पाण्डेय एवं श्रीमती रश्मि सिंह, महाधिवक्ता श्री सतीशचन्द्र वर्मा, श्री मोहन मरकाम, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा एवं बड़ी संख्या में सिख समाज के लोग मौजूद थे।