छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
चंडीगढ़ 03 दिसंबर 2020। केंद्र सरकार द्वारा पारित नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार आठवें दिन जारी है। कई राजनीतिक दल इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। इसी बीच एनडीए का हिस्सा रहे शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने भारत सरकार से मिले पद्म विभूषण सम्मान को वापस कर दिया है। ऐसा उन्होंने किसान आंदोलन के समर्थन और कृषि कानूनों के विरोध में किया है। बादल का कहना है कि वे किसानों के साथ किए जा रहे केंद्र सरकार के व्यवहार से आहत हैं।
जानकारी के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने 2 दिसंबर को मुक्तसर के अपने गांव बादल से राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने किसानों के प्रति केंद्र के रुख से नाराज होकर पद्म विभूषण पुरस्कार वापस करने की इच्छा जताई थी। हालांकि शिरोमणि अकाली दल की ओर से अभी कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है।
प्रकाश सिंह बादल पंजाब के एक कद्दावर नेता हैं और भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन का श्रेय उन्हीं को जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके रिश्ते काफी अच्छे थे। हालांकि अपने बेटे सुखबीर बादल को पार्टी की कमान देने के बाद से बादल इन दिनों राजनीतिक गतिविधियों से दूर थे। प्रकाश सिंह बादल पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनकी पार्टी एनडीए के पहले सहयोगियों में से थी। सौम्य स्वभाव के बादल राजनीतिक समस्याओं को धैर्य से सुलझाने में महारत रखते हैं।
कृषि कानूनों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल अपनी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी से पहले ही नाता तोड़ चुका है। शिअद की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने इन कानूनों के विरोध में केंद्रीय मंत्रीमंडल से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद पार्टी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल केंद्र के खिलाफ काफी मुखर हुए थे और उन्होंने इन कानूनों के विरोध में तीन तख्तों से चंडीगढ़ तक ट्रैक्टर मार्च भी निकाला था।