छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी में इस बार वरिष्ठ पार्षदों की दावेदारी पर ग्रहण लग सकता है. सगंठन इस बार 65 प्रतिशत युवाओं और नए चेहरों को टिकिट देने का फैसला कर चुका है. खुद बीजेपी के दिग्गज मानते हैं इससे पार्टी को फाय़दा होगा. इसके तहत ही बीजेपी ने ये रणनीति तैयार की है. नए और युवा चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा जाएगा. रायपुर नगर निगम के लिए भी प्रत्याशियों की सूची जल्द ही जारी भी की जा सकती है.
रायपुर. छत्तीसगढ़ बीजेपी ने लगातार जमीनी रिपोर्ट में पाया कि कई पुराने चेहरे जहां फील्ड में सक्रिय नहीं हैं तो कुछ का परिसीमन ने खेल बिगाड़ा है. ऐसे में सगंठन इस बार 65 प्रतिशत युवाओं और नए चेहरों को टिकिट देने का फैसला किया जा चुका है. बीजेपी के प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने का कहना है कि पार्टी ने काफी मंथन के बाद इस तरह की रणनीति तैयार की है. निश्चित ही इसका लाभ नगरीय निकाय चुनाव में मिलेगा. चुनाव को लेकर पार्टी की स्थिति स्पष्ट है.
युवाओं को मौका मिलना चाहिए
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रवक्ता विकास तिवारी का कहना है कि कोई भी पार्टी हो उसमें युवाओं को मौका देना चाहिए. कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव में युवा और नए चेहरों को काफी मौका दिया था. निकाय चुनाव में भी यही उम्मीद है. हालांकि वे बीजेपी पर तंज भी कसते हैं कि बीजेपी में युवाओं से केवल दरी उठाने का काम कराया जाता है. राजनीतिक विश्लेषक बाबूलाल शर्मा का कहना है कि निकाय चुनाव लर्निंग प्लेटफॉर्म होता है. इसलिए नए और ऊर्जावान चेहरों को जरूर मौका देना चाहिए. इसका फायदा भी पार्टियों को होता है. विधानसभा और लोकसभा चुनाव इसका उदाहरण है. हालांकि लंबे समय से गुटबाजी से जूझ रही बीजेपी के लिए युवा प्रत्याशी कितनी संजीवनी साबित होते हैं यह देखने वाली बात होगी.