इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 12 अगस्त 2021। विराट एंड कंपनी बृहस्पतिवार को जब इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के लिए उतरेगी तो उसका लक्ष्य बड़ा स्कोर बनाकर ऐतिहासिक लॉर्ड्स स्टेडियम में सात साल बाद जीत दर्ज करने का होगा। भारतीय टीम ने 2014 के बाद से यहां कोई टेस्ट नहीं जीता है। भारत यहां सिर्फ दो मैच जीत पाया है। धोनी की कप्तानी में सात पहले जीत दर्ज करने से पहले 1986 में कपिलदेव की अगुवाई में पहली विजय हासिल की थी। कप्तान कोहली मैच में अपने सर्वश्रेष्ठ स्पिनर आर अश्विन या पेसर इशांत शर्मा को अंतिम एकादश में शामिल कर सकते हैं। इन दोनों को पहले टेस्ट से में जगह नहीं मिली थी। भारत बारिश के कारण ड्रॉ छूटे पहले टेस्ट मैच में जीत की स्थिति में था लेकिन उसका पहली पारी का 278 रन का स्कोर अपेक्षानुरूप नहीं था। भारत के तीन प्रमुख बल्लेबाज कोहली, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे नाकाम रहे थे। यह नहीं भूलना चाहिए कि रहाणे के मेलबर्न में लगाए गए शतक को छोड़ दिया जाए तो ये तीनों पिछले दो वर्षों से बड़ी पारियां नहीं खेल पाए हैं। कोहली और पुजारा इस बीच अपनी अच्छी शुरुआत को शतक में नहीं बदल पाए हैं।
शार्दुल की मांसपेशियों में खिंचाव
शार्दुल ठाकुर की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण निचले क्रम के बल्लेबाजी क्रम में फिर से बदलाव किया जा सकता है। मुंबई का यह तेज गेंदबाज पहले टेस्ट की एकमात्र पारी में खाता भी नहीं खोल पाया था। रविंद्र जडेजा के बल्लेबाजी कौशल को देखते हुए भारतीय टीम प्रबंधन ने अश्विन को पहले टेस्ट की अंतिम एकादश में नहीं रखा था। लॉर्ड्स में अभ्यास के दौरान शार्दुल की परेशानी बढ़ गई है। ऐसे में अश्विन को अंतिम एकादश में जगह मिलने की संभावना बन गई है। यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि शार्दुल को पहले टेस्ट के दौरान चोट लगी थी या नहीं।
फिट हैं मयंक
मयंक अग्रवाल अब फिट हैं लेकिन लोकेश राहुल ने पहले मैच में अच्छा प्रदर्शन करके शीर्ष क्रम में अपनी जगह पक्की की है। अग्रवाल के फिट होने पर राहुल को मध्यक्रम में उतारने का विकल्प भी रहेगा। पुजारा और रहाणे भले ही अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं हैं लेकिन उन्हें फिलहाल चोटिल होने की स्थिति में ही बाहर रखा जा सकता है। फिर रहाणे का लॉर्ड्स में रिकॉर्ड भी अच्छा है। वह टीम के एकमात्र सदस्य हैं जिन्होंने यहां शतक (2104 में) जड़ा हैं।
निचले क्रम की बल्लेबाजी कमजोर कड़ी
शार्दुल नहीं खेल पाते हैं तो कोहली अपने 4-1 के गेंदबाजी संयोजन पर फिर से विचार कर सकते हैं। निचले क्रम की बल्लेबाजी की कमजोरी को देखते हुए किसी एक रणनीति पर अडिग रहना संभव नहीं है। कोहली यदि चार तेज गेंदबाजों के साथ ही उतरना चाहेंगे तो फिर शार्दुल की जगह पर इशांत शर्मा या उमेश यादव में से किसी एक को लिया जाएगा लेकिन यह फैसला आसान नहीं होगा। यदि कप्तान अपनी बल्लेबाजी को मजबूत देखना चाहते हैं तो फिर अश्विन को अंतिम एकादश में रखना सही फैसला होगा जो गेंदबाज के रूप में चौथे या पांचवें दिन लॉर्ड्स की पिच पर खतरनाक साबित हो सकते हैं। लंदन में अधिकतम तापमान 24 डिग्री और औसत तापमान लगभग 14 डिग्री चल रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इंग्लैंड 2018 की तरह यहां पिच पर घास रखेगा क्योंकि तब भारतीय बल्लेबाजी दो दिन में ढह गई थी। ऑलराउंडर क्रिस वोक्स इंग्लैंड की जीत के नायक बने थे। यदि पिच शुष्क रहती है तो भारत अश्विन और जडेजा दोनों को टीम में रख सकता है जो कि अपनी विविधतापूर्ण गेंदबाजी से इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशानी में डाल सकते हैं।
चोटिल ब्रॉड की जगह मोइन को उतार सकता है इंग्लैंड
इंग्लैंड के युवा बल्लेबाजों ने अब तक निराशाजनक प्रदर्शन किया है। कप्तान जो रूट ने पहली पारी में अर्द्धशतक और दूसरी पारी में अपने कॅरिअर का 21वां टेस्ट शतक जमाकर इंग्लैंड को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया था। रोरी बर्न्स की जगह हसीब हमीद को अंतिम एकादश में रखे जाने की पूरी संभावना है। हमीद ने पिछले महीने भारत के खिलाफ अभ्यास मैच में पारी का आगाज करते हुए शतक लगाया था। इंग्लैंड को अपने तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के बिना उतरना पड़ सकता है क्योंकि वह चोटिल हैं। उनके दायें पांव की पिंडली की मांसपेशियों में खिंचाव आ गया है। यदि पिच से स्पिनरों को मदद मिलती है तो मोइन अली को अंतिम एकादश में रखा जा सकता है जिन्होंने 2014 और 2018 की सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया था। यदि पिच स्पिनरों के अनुकूल नहीं होती है तो तेज गेंदबाज मार्क वुड टीम को टीम में जगह मिल सकती है।ष्क रहती है तो भारत अश्विन और जडेजा दोनों को टीम में रख सकता है जो कि अपनी विविधतापूर्ण गेंदबाजी से इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशानी में डाल सकते हैं।
टीमें :
भारत : विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा, मयंक अग्रवाल, अजिंक्य रहाणे, हनुमा विहारी, ऋषभ पंत, आर अश्विन, रविंद्र जडेजा, अक्षर पटेल, जसप्रीत बुमराह, इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव, लोकेश राहुल, रिद्धिमान साहा, अभिमन्यु ईश्वरन, पृथ्वी शॉ, सूर्यकुमार यादव।
इंग्लैंड : जो रूट (कप्तान), जेम्स एंडरसन, जॉनी बेयरस्टो, डोम बेस, मोइन अली, रोरी बर्न्स, जोस बटलर, जैक क्रॉली, सैम कुरेन, हसीब हमीद, डैन लॉरेंस, जैक लीच, ओली पोप, ओली रॉबिन्सन, डोम सिबली, मार्क वुड।