इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 26 अक्टूबर 2021। अपनी सीमाओं को दुश्मन से सुरक्षित रखने या फिर किसी भी घुसपैठ और हमले का माकूल जवाब देने के लिए भारतीय सेना अमेरिका से 30 MQ 9A प्रीडेटर ड्रोन का अधिग्रहण करने जा रही है। संभव है कि दिसंबर में होने जा रही दोनों देशों के बीच बैठक में इस रक्षा सौदे की घोषणा कर दी जाए। अधिकारियों के मुताबिक, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर दिसंबर में अपने समकक्षों एंटोनी ब्लिंकन व लॉयड ऑस्टिल से वाशिंगटन में मुलाकात करेंगे। इस द्विपक्षीय वार्ता के दौरान यह महत्वपूर्ण घोषणा की जा सकती है। अफगानिस्तान पर तालिबान के राज और चीन के आक्रामक रुख के खिलाफ हिंद प्रशांत क्षेत्र में फैल रही अशांति को देखते हुए प्रीडेटर ड्रोन का अधिग्रहण महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस संबंध में अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं। हालांकि, दिसंबर में होने जा रही बैठक में इस संबंध में सरकारी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
तीनों सेनाओं को मिलेंगे 10-10 ड्रोन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सेना की तीनों टुकड़ियों को 10-10 प्रीडेटर ड्रोन दिए जाएंगे। चूंकि, भारतीय नौ सेना पहले से ही दो प्रीडेटर ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है। इसलिए अधिग्रहण प्रक्रिया भारतीय वायु सेना व भारतीय सेना की देखरेख में पूरी हो रही है।
भारत के लिए बहुत अहम हैं प्रीडेटर ड्रोन
चीन के बढ़ रही तनातनी व अन्य पड़ोसी देशों के रुख को देखते हुए यह रक्षा सौदा भारत के लिए बहुत अहम है। चूंकि, चीन की विंग लूंग इन सशस्त्र ड्रोन को पाकिस्तान को बेच रहा है। ये ड्रोन हवा से सतह में 12 मिसाइल लांच कर सकने में सक्षम है। वहीं पाकिस्तान के सहयोगी तुर्की ने भी 2020 में इस क्षमता को हासिल कर लिया था और लीबिया और सीरिया के खिलाफ युद्ध में इन ड्रोन का इस्तेमाल किया था।
प्रीडेटर ड्रोन की खासियत
डेटर ड्रोन हवा से सतह पर हमला करने में सक्षम हैं और ये कई तरह के हथियारों और बम को गिराकर दुश्मन को धूल चटा सकते हैं। खास बात यह है कि यह ड्रोन तीस घंटे से भी अधिक समय तक आसमान में टिके रहने में सक्षम है।