इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मामलों के बीच दिल्ली सरकार परिवहन व स्वास्थ्य सरीखी बेहद जरूरी सेवाओं को छोड़कर बृहस्पतिवार से अपने दूसरे दफ्तर बंद कर सकती है। इसका फैसला उपराज्यपाल अनिल बैजल व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आलाधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक के बाद लिया जाएगा।दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि सरकार अपनी उन सेवाओं को बंद करने का विचार कर रही रही है, जिनसे बड़े पैमाने पर आम लोग प्रभावित नहीं होंगे। इसमें परिवहन विभाग का एमएलओ दफ्तर, आबकारी विभाग के दफ्तर, राजस्व विभाग, रजिस्ट्रार दफ्तर समेत करीब 86 दूसरे कार्यालय शामिल हैं।
वहीं, मॉल व स्थानीय बाजारों को भी क्रमिक रूप से बंद किया जा सकता है। स्वास्थ्य, डीटीसी, मेट्रो, जल बोर्ड, बिजली समेत 68 सेवाएं ऐसी हैं, जिनको बंद करना संभव नहीं है। इनके दफ्तरों को अतिरिक्त एहतियात बरतते हुए खुला रखा जाएगा।
अधिकारियों का कहना है कि बृहस्पतिवार को उपराज्यपाल व मुख्यमंत्री वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोरोना वायरस के संक्रमण से पैदा हुए हालात पर उच्चस्तरीय बैठक करेंगे। इसमें मौजूदा चुनौतियों व उससे निपटने के तरीकों पर चर्चा होगी। बैठक में सरकार आम लोगों की जिंदगी के लिए बेहद जरूरी, लेकिन सख्त कदम उठा सकती है। बुधवार को भी मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल से इस मसले पर चर्चा की थी।
उपराज्यपाल से मुलाकात के दौरान हालात से निपटने के लिए आगे उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा हुई। वायरस पर नियंत्रण पाने के लिए हर कोई कठिन मेहनत कर रहा है। दौर बेहद चुनौती भरा है, लेकिन किसी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है। हालात पर नियंत्रण कर लिया जाएगा।
-अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री-दिल्ली
मुख्यमंत्री से कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा हुई। सरकारी दफ्तर, सार्वजनिक स्थलों, बसों, मेट्रो आदि जगहों पर लोगों के बीच संपर्क सीमित करने के तरीकों पर विचार हुआ। बृहस्पतिवार की बैठक में मौजूदा हालात पर चर्चा के साथ आगे उठाए जाने वाले कदमों पर विचार किया जाएगा।
-अनिल बैजल, उपराज्यपाल-दिल्ली