
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 30 नवंबर 2021 । पाकिस्तान में एक बार फिर ईशनिंदा के मामले ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया है और इसके विरोध में दंगाई ने पुलिस स्टेशन को ही फूंक दिया है. उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान में रविवार रात को मुस्लिमों की भीड़ ने पुलिस से ईशनिंदा के एक आरोपी को सौंपने की मांग की. लेकिन पुलिस ने उसे सौंपने से इनकार कर दिया. इसके बाद भीड़ ने एक पुलिस थाना और चार पुलिस चौकियों को जला दिया. अधिकारियों ने बताया कि मानसिक रूप से विक्षिप्त एक व्यक्ति पर इस्लाम की पवित्र किताब, कुरान का अपमान करने का आरोप है.
स्थानीय अधिकारी आसिफ खान ने बताया कि हमले में कोई अधिकारी हताहत नहीं हुआ. हमले के कारण पुलिस को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के एक जिले चारसद्दा में व्यवस्था बहाल करने के लिए सैनिकों को बुलाने पर मजबूर होना पड़ा. सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में पुलिस थाना जलता दिख रहा है. खान ने कहा कि अधिकारियों ने बंदी को पीटने का भीड़ का प्रयास विफल कर दिया और पुलिस उसे दूसरे जिले में ले गई. उन्होंने उस व्यक्ति के नाम यह कहते हुए जाहिर नहीं किया कि अधिकारी अभी भी जांच कर रहे हैं और संदिग्ध को एक दिन पहले गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस ने बलप्रयोग से किया परहेज
आसिफ खान ने कहा कि अधिकारियों ने शुरू में विरोध किया लेकिन पुलिस भवनों पर हजारों प्रदर्शनकारियों के हमला करने के बाद वे वहां से भाग गए. उन्होंने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों में से किसी को हताहत होने से रोकने के लिए बल प्रयोग से परहेज किया. उन्होंने कहा कि चारसद्दा में सोमवार को स्थिति सामान्य थी और पुलिस हमलों से जुड़े लोगों को गिरफ्तार करने की मांग कर रही है. ईशनिंदा का एक ऐसा मामला है, जिसे लेकर पाकिस्तान की दुनियाभर में आलोचना की जाती रही है. पाकिस्तान में अक्सर ही अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को इसके जरिए शिकार बनाया जाता है.
अल्पसंख्यकों को डराने के लिए इस्तेमाल होता है कानून
ईशनिंदा के तहत पाकिस्तान में मौत की सजा दी जाती है, जहां अक्सर अपराध के आरोप ही भीड़ की हिंसा को भड़काने के लिए काफी होते हैं. अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मानवाधिकार समूहों का कहना है कि ईशनिंदा के आरोपों का इस्तेमाल अक्सर धार्मिक अल्पसंख्यकों को डराने और व्यक्तिगत रंजिश को लेकर किया जाता है. 2017 में, उत्तर पश्चिमी शहर मर्दन में अब्दुल वली खान यूनिवर्सिटी में छात्रों के एक समूह ने फेसबुक पर ईशनिंदा कंटेंट शेयर करने का आरोप लगाने के बाद एक अन्य छात्र मोहम्मद मशाल पर हमला किया और उसकी हत्या कर दी.