इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 21 जनवरी 2022। आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए लागू EWS आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट मार्च में सुनवाई करने वाला है। शीर्ष अदालत की ओर से इस कोटे के लिए तय की गई 8 लाख रुपये की आय सीमा की समीक्षा की जाएगी। ऐसे में यदि कोर्ट की ओर से इस पर कोई फैसला दिया जाता है तो यह EWS कोटे का लाभ लेने वाले लोगों के लिए झटका हो सकता है। दरअसल शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से 8 लाख रुपये की आय सीमा को अव्यवहारिक बताते हुए समीक्षा किए जाने की बात की थी। इस पर केंद्र सरकार की ओर से पैनल भी गठित किया गया था, जिसने इसे सही करार दिया था।
फिलहाल 8 लाख रुपये की इस इनकम लिमिट के तहत सैलरी, खेती से मिलने वाली कमाई समेत आय के सभी स्रोतों को शामिल किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के सुझाव पर केंद्र सरकार की ओर से गठित पांडेय कमिटी ने कहा था कि यदि अभी इसमें कुछ भी बदलाव किया गया तो फिर मेडिकल एडमिशन लेने जा रहे छात्रों पर इसका असर होगा। यह उनके करियर के लिहाज से सही नहीं होगा। बता दें कि नीट में ऑल इंडिया लेवल पर केंद्र सरकार ने 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण और 10 फीसदी EWS कोटा लागू किया है। हालांकि अभी होनी जा रही नीट काउंसिलिंग में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कोई असर नहीं होगा।
पांडेय कमिटी का कहना था कि ओबीसी कोटे के तहत क्रीमी लेयर की जो आय सीमा तय की गई है, वैसा ही नियम इसमें भी लागू है। ऐसे में इसे गलत नहीं माना जा सकता। इसके अलावा कमिटी की राय थी कि यदि आय सीमा कम की गई तो फिर ऐसे बहुत से योग्य कैंडिडेट हैं, जिन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। वहीं उनकी बजाय कुछ ऐसे लोग भी आ सकते हैं, जो इसके लिए डिजर्व नहीं करते। ऐसे में EWS कोटे के लिए एक साधारण इनकम लिमिट का नियम तय करना चाहिए। इसमें कमी करना ठीक नहीं है। शीर्ष अदालत ने अब इन सभी मुद्दों पर मार्च में विचार करने का फैसला लिया है।