इंडिया रिपोर्टर लाइव
चंडीगढ 13 अप्रैल 2022। पंजाब के भगवंत मान कैबिनेट की बैठक देर में शुरू हो गई है। बताया जाता है कि इस पर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हो हाे रही है। बैठक में कई अहम निर्णय हो सकते हैं। कैबिनेट राज्य के लोगों को हर माह 300 यूनिट बिजली फ्री देने के बारे में फैसला कर सकती है और मुख्यमंत्री भगवंत मान इसका एलान कर सकते हैं। इस मुद्दे को कैबिनेट की बैठक के एजेंडे में प्रमुख रूप से लाया जा सकता है।
बता दें कि विधान सभा चुनाव के दौरान आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आप सरकार आने पर प्रदेश के लोगों को तीन सौ यूनिट मुफ्त बिजली देने की गारंटी भी दी थी। कैबिनेअ की बैठक में मोहल्ला क्लिनिक खोलने को लेकर भी प्रस्ताव आ सकता है।
बैठक में रूरल डवलपमेंट फंड (आरडीएफ) का पैसा सरकार किसानों व मजदूरों की कर्ज माफी पर खर्च न करने का भी एजेंडा लाया जा सकता है। विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि इस संबंधी बिल लाना है या आर्डिनेंस इस संबंधी फैसला कैबिनेट की बैठक में होगा। काबिले गौर है कि केंद्र सरकार ने पिछले साल इस बात पर एतराज जताया था कि राज्य सरकार ग्रामीण विकास फंड का पैसा किसानों और मजदूरों की कर्ज माफी पर क्यों कर रही है। कर्ज माफी के वादे राजनीतिक पार्टियों ने किए हैं तो वे सामान्य अकाउंट से इसका खर्च करें। आरडीएफ केवल इंफ्रास्ट्रक्चर की डेवलपमेंट के लिए है।
जब तत्तकालीन राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के एतराज को गंभीरता से नहीं लिया तो उन्होंने बीते धान के सीजन का 1150 करोड़ रुपये अदा करने से मना कर दिया। केंद्र सरकार पहले भी ऐसा कर चुकी है। केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति पीयूष गोयल से इस रुके हुए आरडीएफ को लेने के लिए तत्कालीन वित्त मंत्री मनप्रीत बादल और पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशू ने मुलाकात भी की। इसके बाद दोनों तरफ के नेताओं के बीच इस बात पर सहमति बनी कि आरडीएफ की राशि को कर्ज माफी पर खर्च न किया जाए। मनप्रीत बादल ने आश्वासन दिया था कि इसके लिए आरडीएफ एक्ट में संशोधन करना होगा और इसके लिए बिल लाया जाना जरूरी है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सहमति व्यक्त करते हुए तब आरडीएफ सहित तमाम अन्य खर्चों के रुके हुए 3500 करोड़ रिलीज कर दिए, लेकिन वित्तमंत्री ने अपने समय में आरडीएफ संशोधन बिल विधानसभा में पेश नहीं किया और न ही इस पर आर्डिनेंस जारी किया है। इस पर केंद्र सरकर ने नाराजगी दिखाते हुए एक बार फिर से धान का बनता आरडीएफ रोक दिया।