
इंडिया रिपोर्टर लाइव
चंडीगढ़ 20 अप्रैल 2022। पंजाब की सड़कों पर 1.40 लाख लावारिस पशु घूम रहे हैं। पंजाब सरकार के पास इनकी देखरेख के लिए कोई पुख्ता प्रबंध नहीं हैं। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से इन पशुओं की देखरेख के लिए 500 करोड़ रुपये की मांग की है। साथ ही राज्य के पांच लाख दुधारू पशुओं के बीमे के लिए सूबे की भगवंत मान सरकार ने 100 करोड़ रुपये मांगे हैं। पंजाब में हमेशा से ही लावारिस पशुओं की समस्या रही है। इससे पहले लावारिस पशुओं की बढ़ती समस्या को हल करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पांच सदस्यीय कैबिनेट सब-कमेटी बनाई थी। हर जिले के डिप्टी कमिश्नर को समस्या के हल के लिए अतिरिक्त गोशालाएं खोलने के लिए 10-10 लाख रुपये देने का भी एलान किया था। मगर सरकार की यह मुहिम मूर्तरूप नहीं ले पाई।
इसके बाद अब पंजाब में बनी नई सरकार ने भी लावारिस पशुओं को नियंत्रित करने की मुहिम शुरू कर दी है। 1.40 लाख लावारिस पशुओं को नियंत्रित करने के लिए केंद्र से राज्य सरकार ने प्रस्ताव भेजकर 500 करोड़ रुपये की मांग की है। इस राशि से पशुओं की देखभाल के लिए शेड, हरे चारे के प्रबंध किए जाएंगे। राज्य के पांच लाख दुधारू पशुओं के बीमे के लिए हर एक साल 100 करोड़ रुपये की राशि की मांग भी की गई है।
गुजरात पहुंचे विभागीय मंत्री
पशु पालन, डेयरी और मछली पालन के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए गुजरात के नर्मदा जिले के केवड़िया में केंद्र सरकार की समर मीट में मंगलवार को पंजाब के पशु पालन, डेयरी विकास और मछली पालन विभाग के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने शिरकत की। जहां उन्होंने पशु पालकों को मंडीकरण में आ रही समस्याओं के बारे में भी रोडमैप तैयार करने और पशु पालकों को इस संबंध में प्रशिक्षण देने पर भी माहिरों से चर्चा की।
पंजाब में लावारिस पशु बड़ी समस्या हैं। आए दिन लोग इन लावारिस पशुओं के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं। ऐसे में इन पशुओं की देखरेख होना अति आवश्यक है। केंद्र सरकार को इस मामले में राज्य की मदद करनी चाहिए। – डॉ. सुभाष चंद्र गोयल, निदेशक, पशु पालन विभाग, पंजाब।