यूक्रेन युद्ध को लेकर साझा बयान पर नहीं बनी सहमति, आतंकवाद के मुकाबले के लिए समग्र दृष्टिकोण का आह्वान

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नई दिल्ली 03 मार्च 2023। दिल्ली में आयोजित जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के अंत में आम सहमति बनाने के प्रयासों के बावजूद रूस-यूक्रेन युद्ध पर साझा बयान जारी न हो सका। हालांकि, भारत की मेजबानी में हुई बैठक में सारांश और परिणाम दस्तावेज अपनाया गया।  विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बैठक में यूक्रेन संघर्ष से संबंधित मुद्दे थे। कई राजनयिकों ने कहा कि यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिम और रूस-चीन गठजोड़ के बीच गहरे मतभेद हैं। 

जयशंकर ने कहा कि इस मुद्दे पर अलग-अलग विचार हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि परिणाम और सारांश दस्तावेज वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए जी-20 के संकल्प को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि बैठक में कई ऐसे मुद्दे थे जहां सहमति बनी है। जयशंकर ने यह भी बताया कि जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा की गई।

विदेश मंत्रियों ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए समग्र दृष्टिकोण का आह्वान किया
जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों ने गुरुवार को आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा की। उन्होंने आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग से बढ़ते खतरे का उल्लेख किया। विदेश मंत्रियों की बैठक के अंत में जारी परिणाम दस्तावेज में भी एक अधिक समावेशी और पुन: सक्रिय बहुपक्षवाद और सुधार की वकालत की गई है। विदेश मंत्रियों ने कहा कि आतंकवाद के सभी कार्य आपराधिक और अनुचित हैं, चाहे उनकी प्रेरणा कुछ भी हो, कहीं भी, कभी भी और किसी के द्वारा भी की गई हो। पाकिस्तान से होने वाला सीमा पार आतंकवाद भारत के लिए एक बड़ी चिंता का विषय रहा है। विदेश मंत्रियों ने आतंकवाद के खिलाफ समग्र दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया। परिणाम दस्तावेज में कहा गया कि एंटाल्या (2015), हैम्बर्ग (2017) और ओसाका (2019) में नेताओं की घोषणा को याद करते हुए हम आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में निंदा करते हैं।इनमें जेनोफोबिया, नस्लवाद और असहिष्णुता के अन्य रूपों के आधार पर, या धर्म या विश्वास के नाम पर, शांति के लिए सभी धर्मों की प्रतिबद्धता को मान्यता देना शामिल है। यह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है।

इसमें आगे कहा गया है कि हम महत्वपूर्ण ऊर्जा सुविधाओं सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के खिलाफ और अन्य कमजोर लक्ष्यों के खिलाफ सभी आतंकवादी कृत्यों की कड़ी निंदा करते हैं। प्रभावी आतंकवाद विरोधी उपाय, आतंकवाद के पीड़ितों के लिए समर्थन और मानवाधिकारों की सुरक्षा परस्पर विरोधी लक्ष्य नहीं हैं, बल्कि पूरक और पारस्परिक रूप से प्रबल हैं। अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर एक समग्र दृष्टिकोण प्रभावी ढंग से आतंकवाद का मुकाबला कर सकता है। परिणाम दस्तावेज  में आतंकवाद और संगठित अपराध के बीच संबंधों के बारे में भी बात की गई है।

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