इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली. देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर कोहराम मचा है. पिछले 24 घंटों में 42 लोगों की मौत हो गई है. जबकि 800 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें मांग की गई है कि सबसे ज्यादा प्रभावित यानी हॉटस्पॉट इलाकों में घर-घर जाकर सरकार करोना की जांच करे. ये जनहित याचिका इलाहाबाद के लॉ स्टूडेंट्स शाश्वत आनंद, अंकुर आज़ाद और फ़ैज़ अहमद ने दाखिल की है. बता दें कि फिलहाल कोरोना की जांच हर किसी की नहीं हो रही है, बल्कि सिर्फ उन लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं जो संदिग्ध है.
क्यों हो हर किसी की जांच?
याचिका दाखिल करने वाले का तर्क है कि करोना की चेन को तोड़ने के लिए घर-घर जा कर टेस्ट करना बेहद जरूरी है. इसके अलावा याचिका में ये भी मांग की गई है कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के आपदा कोष में जमा किया गया पैसा केंद्र सरकार की पहले से बनी आपदा फंड में ट्रांसफर किया जाए जिससे कि बेहतर काम हो पाए. अभी याचिका दाखिल हुई है लेकिन इसे सुनवाई के लिए नहीं लिया गया है
मुफ्त होगी जांच
इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सरकार के साथ साथ निजी अस्पताल और लैब में करोना की मुफ्त जांच होगी. फिलहाल निजी लैब में इसकी कीमत 4500 रुपये है. सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि गरीब आदमी इतना पैसा खर्च नहीं कर सकता इसलिए मुफ्त जांच होनी चाहिए. सरकारी अस्पताल में हर किसी कि जांच हो पाए ये इतना आसान नहीं है. सरकारी अस्पताल में भीड़ के कारण लोगों को निजी अस्पताल भी जाना पड़ रहा है. यानी अगर किसी एक व्यक्ति को करोना संदिग्ध पाया गया और उसके परिवार में चार लोग है तो निजी अस्पताल में सिर्फ जांच का खर्च 18 हजार रुपये आएगा. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी जगह मुफ्त जांच के आदेश दिए हैं.
सुरक्ष किट पर फैसला
बुधवार को करोना से जुड़ा एक और अहम फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था. कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि डॉक्टर, नर्स और सभी हेल्थ स्टाफ को ज़रूरी सुरक्षा मुहैया कराया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि हेल्थ स्टाफ को सुरक्षा किट फौरन दिए जाएं और साथ ही साथ उन पर हो रहे हमलों को भी रोका जाए.