इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 04 जून 2023। मंडलायुक्त कार्यालय में विरोध प्रदर्शन और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के 23 साल पुराने मामले में कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत ने शनिवार को गैर जमानती वारंट जारी करते हुए नौ जून को पेश होने का आदेश दिया है। सांसद की ओर से हाईकोर्ट में लंबित याचिका के निर्णय तक उन्मोचन प्रार्थनापत्र प्रस्तुत करने का अवसर मांगा गया जिसे अदालत ने पूर्व में ही अंतिम अवसर दिए जाने के आधार पर खारिज कर दिया। एडीजीसी विनय कुमार सिंह ने बताया कि रणदीप सिंह सुरजेवाला की याचिका पर हाईकोर्ट ने 20 मार्च 2023 को उन्हें विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) की अदालत में उन्मोचन प्रार्थना पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था।
तत्पश्चात सुरजेवाला सुप्रीम कोर्ट गए तो वहां के आदेश पर एफआइआर व आरोप पत्र की पठनीय प्रति उपलब्ध करा दी गई। बाद में सुरजेवाला की ओर से मुकदमे की केस डायरी समेत अन्य पत्रावलियों की पठनीय प्रति मांगी गई। विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) ने 31 मई को इसे खारिज कर दी और उन्मोचन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने का रणदीप सिंह सुरजेवाला को अवसर दिया और सुनवाई को तीन जून की अग्रिम तिथि मुकर्रर कर दी।
तीन जून को सुनवाई के दौरान रणदीप सिंह सुरजेवाला की ओर से इस आशय का प्रार्थना पत्र दिया गया कि 31 मई के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर है। इसके निर्णय तक उन्मोचन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाए। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि हाईकोर्ट के 20 मार्च के आदेश के अनुपालन में अंतिम अवसर दिया जा चुका है,ऐसे में उनका प्रार्थना पत्र स्वीकारने का आधार पर्याप्त नहीं है और इसे निरस्त किया जाता है।
यह था पूरा मामला
बहुचर्चित संवासिनी कांड में कांग्रेसी नेताओं को आरोपित किए जाने के विरोध में 21 अगस्त 2000 को युवक कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला, प्रदेश अध्यक्ष एसपी गोस्वामी के नेतृत्व में कार्यकर्ता मंडलायुक्त कोर्ट में घुस कर नारेबाजी और हंगामा करने लगे। पुलिस ने समझाने का प्रयास किया तो उलझ गए।
पुलिस ने सुरजेवाला, एसपी गोस्वामी आदि को गिरफ्तार किया था। इस मामले में अदालत ने 13 मार्च 2023 को विजय शंकर पाण्डेय, अनिल श्रीवास्तव अन्नू, शम्भूनाथ बाटुल, अशोक कुमार मिश्रा समेत अन्य पर आरोप निर्धारित किया गया। उस दिन रणदीप सिंह सुरजेवाला कोर्ट में हाज़िर नहीं हुए।
उनकी ओर से स्थगन प्रार्थना पत्र दिया गया कि संसद चल रही है और महत्वपूर्ण विधेयक में भागीदारी के कारण न्यायालय के समक्ष आरोप विरचित करने को उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं। कार्यवाही को स्थगित कर कोई अन्य तिथि नियत करने की अपील की गई। अदालत ने प्रार्थना पत्र को निरस्त करते हुए कहा कि आरोप विरचन (निर्धारण) के लिए व्यक्तिगत उपस्थिति का अंतिम अवसर प्रदान किया जा चुका है।