
इंडिया रिपोर्टर लाइव
इंफाल 27 सितम्बर 2023। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को भारत-म्यांमा सीमा के एक हिस्से पर बाड़ लगाने की योजना पर चर्चा के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधिकारियों के साथ बैठक की। यह बैठक सिंह के संवाददाताओं को यह बताए जाने के एक दिन बाद हुई है कि उनकी सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से भारत-म्यांमा सीमा पर मुक्त आवाजाही व्यवस्था को रद्द करने और बाड़ लगाने का काम पूरा करने का आग्रह किया है। मुक्त आवाजाही व्यवस्था भारत-म्यांमा सीमा के दोनों छोर के करीब रहने वाले लोगों को बिना किसी दस्तावेज के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर तक अंदर जाने की अनुमति देती है।
सोशल मीडिया मंच “एक्स” पर जारी एक पोस्ट में सिंह ने कहा, “बीआरओ के अधिकारियों के साथ बैठक की और भारत-म्यांमा सीमा पर 70 किलोमीटर की अतिरिक्त सीमा बाड़ लगाने का काम शुरू करने की योजना पर विचार-विमर्श किया। बैठक में मेरे साथ मुख्य सचिव, डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) और गृह विभाग के अधिकारी भी शामिल थे।” उन्होंने कहा, “पड़ोसी देश से घुसपैठ और नशीली दवाओं की तस्करी में वृद्धि को देखते हुए हमारी खुली सीमाओं की सुरक्षा एक तत्काल आवश्यकता बन गई है।” सूत्रों के मुताबिक, मणिपुर म्यांमा के साथ 398 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है, जिसमें से केवल छह किलोमीटर सीमा के आसपास ही बाड़ लगाई गई है। तीन मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 175 से अधिक लोग मारे गए हैं और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।
जातीय हिंसा की शुरुआत तब हुई थी, जब बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ का आय़ोजन किया गया था। आरोप हैं कि हालिया हिंसा के पीछे म्यांमा से आए अवैध अप्रवासियों का हाथ है। मेइती संगठन ने यह भी दावा किया है कि चार महीने से अधिक समय से जारी संघर्ष वनों की कटाई, अवैध अफीम पोस्त की खेती और राज्य के कुछ क्षेत्रों में मुख्य रूप से म्यांमा से अवैध अप्रवासियों के कारण जनसांख्यिकी में हुए बदलाव का नतीजा है। मणिपुर में उग्रवादियों को म्यांमा से हथियारों की आपूर्ति किए जाने के भी आरोप हैं।