इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 20 दिसंबर 2023। भारतीय नौसेना के पूर्व दिवंगत वाइस एडमिरल बेनॉय रॉय चौधरी को 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उनके वीरतापूर्ण कार्यों के लिए मूल रूप से दिया गया वीर चक्र भारतीय नौसेना के प्रमुख तकनीकी प्रशिक्षण प्रतिष्ठान, आईएनएस शिवाजी ने प्राप्त किया। युद्ध के समय वह आईएनएस विक्रांत पर इंजीनियर ऑफिसर के रूप में तैनात थे। आईएनएस शिवाजी के विशिष्ट चेयर-मरीन इंजीनियरिंग, वाइस-एडमिरल दिनेश प्रभाकर ने सोमवार को प्रशिक्षण केंद्र पर आयोजित एक समारोह में वाइस-एडमिरल चौधरी के परिवार के सदस्यों पदीप्ति बोस और गार्गी बोस से वीर चक्र प्राप्त किया। समारोह का आयोजन नौसेना ने किया था। कार्यक्रम पुणे शहर से लगभग 60 किमी दूर लोनावाला में आयोजित किया गया था। वीएडीएम चौधरी भारतीय नौसेना के एकमात्र तकनीकी अधिकारी हैं, जिन्हें 25 साल पहले वीर चक्र जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार से अलंकृत किया गया था। युद्ध के समय वह आईएनएस विक्रांत पर इंजीनियर ऑफिसर के रूप में तैनात थे।
तत्कालीन नौसेना प्रमुख नंदा ने दिया था पुरस्कार
रक्षा पीआरओ कार्यालय से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, वाइस एडमिरल चौधरी नौसेना के एकमात्र तकनीकी अधिकारी हैं, जिन्हें प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। 52 साल पहले भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान चौधरी आईएनएस विक्रांत पर इंजीनियर अधिकारी थे। नौसेना स्टाफ के तत्कालीन प्रमुख एडमिरल एसएम नंदा ने उन्हें यह पुरस्कार दिया। उन्हें ‘एन इंजीनियर पार एक्सीलेंस’ की उपाधि दी गई थी। वाइस-एडमिरल चौधरी की बहादुरी, देशभक्ति और समर्पित सेवा विभिन्न महत्वपूर्ण उपलब्धियों का प्रमाण है। उन्हें 1971 के युद्ध में वीरतापूर्ण कार्यों के लिए वीर चक्र मिला।
जानिए क्या होता है वीर पुरस्कार
वीर चक्र एक भारतीय युद्धकालीन सैन्य बहादुरी पुरस्कार है। युद्धकालीन वीरता पुरस्कारों में यह तीसरे स्थान पर है। इससे बड़े सिर्फ दो ही पुरस्कार हैं- परमवीर चक्र और महावीर चक्र। भारत के राष्ट्रपति ने 26 जनवरी 1950 को इस पुरस्कार की शुरुआत की गई।