इंडिया रिपोर्टर लाइव
इंदौर : देश के सबसे स्वच्छ शहर में पेयजल के स्थाई स्त्रोत भी प्रदूषण करने वालों से सुरक्षित नहीं है. यही वजह है कि आज शहर के यशवंत सागर डेम में पीथमपुर के किसी उद्योग ने केमिकल युक्त दूषित पानी छोड़ दिया, लिहाजा कई गैलन लाल रंग का दूषित पानी गंभीर नदी से होते हुए यशवंत सागर तालाब के शुद्ध पानी में मिल गया. हालांकि मामला उजागर होने के बाद नगर निगम प्रशासन ने संबंधित उद्योग को सबक सिखाने के लिए खोजबीन शुरू कर दी है. जबकि यशवंत सागर डेम के पानी को जांच के लिए लैब में भिजवाया है.
ऐसे जल कार्य प्रभारी को लगा पता
इंदौर नगर निगम के जल कार्य प्रभारी बलराम वर्मा को आज कुछ लोगों ने सूचना दी थी कि यशवंत सागर डेम में मिलने वाली गंभीर नदी का पानी लाल हो चुका है, जो पीने के पानी के लिए शहर में वितरित किए जाने वाले यशवंत सागर डेम के पानी में मिल रहा है. इस घटना के सामने आने के बाद बलराम वर्मा ने तत्काल कलारिया गांव में जाकर मौके का निरीक्षण किया. इस दौरान पता चला कि पीथमपुर की फैक्ट्रियों का प्रदूषित जल नदी में मिलने से गंभीर नदी का पानी प्रदूषित होकर लाल हो गया है और गंभीर नदी का ये पानी यशवंत सागर तक पहुंच गया है. बताया जा रहा है कि पीथमपुर उद्योगों से प्रवाहित किया गया पानी जहरीला और खतरनाक रासायन से युक्त होने के कारण लाल रंग का हो चुका है.
अब आशंका जताई जा रही है कि यही पानी भविष्य में शहर में वितरित किए जाने से स्वास्थ्य की दृष्टि से घातक परिणाम सामने आ सकते हैं. नतीजतन नगर निगम ने पानी की शुद्धता की जांच के आदेश दे दिए हैं. साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पीथमपुर की किस फैक्ट्री का पानी गंभीर नदी में छोड़ा गया है. इसकी भी अविलंब जांच करें. हालांकि अभी नगर निगम ये बता पाने की स्थिति में नहीं है कि इस प्रदूषित जल के वितरण की स्थिति में इंदौर शहर के लोगों के स्वास्थ्य पर कितना असर हो सकता है. फिलहाल निगम के अधिकारी यह भी बताने की स्थिति में नहीं है कि यशवंत सागर का पानी जो कि केमिकल का पानी मिलने से किस स्तर तक दूषित हो चुका है. इसके अलावा यशवंत सागर डेम का पानी अब पीने के लिए इंदौर शहर में सप्लाई किया जा सकता है या नहीं.
जल कार्य विभाग ने लिया ये फैसला
हालांकि जांच रिपोर्ट आने तक नगर निगम के जल कार्य विभाग ने शहर के अधिकांश हिस्सों में नर्मदा जल की सप्लाई का ही फैसला किया है. इधर दूसरी ओर अब पीथमपुर का कोई भी उद्योग इस मनमानी की जिम्मेदारी को लेने के लिए तैयार नहीं है. किस उद्योग ने ये दूषित पानी गंभीर नदी में छोड़ा है. इसका भी पता फिलहाल नहीं चल सका है. इधर पानी की जांच के सैंपल प्रदूषण नियंत्रण मंडल इंदौर ने भी लिए हैं, जिससे कि पानी की शुद्धता को लेकर वस्तुस्थिति का सटीक आकलन किया जा सके.
डेम से इंदौर की करीब 25 फीसदी आबादी को होती है पानी की सप्लाई
इंदौर शहर की करीब 35 लाख की जनसंख्या में से करीब 8 लाख की आबादी को यशवंत सागर डेम से ही पानी की सप्लाई की जाती है. शहर की 6 पानी की टंकियां यशवंत सागर के पानी से ही भरी जाती हैं और इन्ही टंकियों से पानी सप्लाई की जाती है. जबकि बाकी आबादी को नर्मदा नदी का पानी सप्लाई किया जाता है. यकीनन यशवंत सागर डेम के पानी में केमिकल आ जाने से करीब 8 लाख की आबादी को पानी की समस्या से जूझना पड़ सकता है.
नगर निगम ने रोक दी सप्लाई
यशवंत सागर डेम में केमिकल युक्त पानी पहुंचने के चलते अभी इसकी सप्लाई रोक दी गई है. नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि जब तक पानी की रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक डेम से पानी की सप्लाई नहीं की जाएगी. इंदौर नगर निगम के जलकार्य विभाग के प्रभारी बलराम वर्मा का कहना है कि इंदौर नगर निगम और पीथमपुर नगर पालिका की टीम, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के साथ ये जांच कर रही है कि किस कंपनी ने ये प्रदूषित पानी गंभीर नदी में छोड़ा है जहां से ये यशवंत सागर डेम में पहुंचा. उन्होंने कहा कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिससे इस तरह की गलती दोबारा न हो. साथ ही यशवंत सागर डेम पहुंच रहे पानी की अब सतत मॉनिटरिंग कराई जाएगी.