
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 26 अगस्त 2024। हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत के किसान आंदोलन पर दिए गए बयान से एक नया विवाद खड़ा हो गया है। मुंबई में एक इंटरव्यू में कंगना ने किसान आंदोलन पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान हिंसा, दुष्कर्म और हत्याएं हुईं, लाशे लटकी थी। इस बयान के बाद पंजाब और हरियाणा के किसान संगठनों और राजनीतिक दलों ने कंगना पर तीखा हमला किया है। भाजपा ने इस बयान को कंगना का निजी विचार बताते हुए इससे पल्ला झाड़ लिया है। पंजाब के कांग्रेस नेताओं ने कंगना के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की मांग की है।
कंगना ने इंटरव्यू में कहा, “अगर आज हमारा शीर्ष नेतृत्व कमजोर होता तो भारत भी बांग्लादेश जैसी स्थिति का सामना कर सकता था। किसान आंदोलन के दौरान हमने देखा कि कैसे प्रोटेस्ट के नाम पर हिंसा फैलाई गई। वहां रेप और हत्याएं हुईं। जब बिल वापस लिया गया तो ये उपद्रवी चौंक गए क्योंकि उनकी योजना लंबी थी।”
कंगना के इस बयान पर किसान संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। किसान मोर्चा के नेता दर्शन पाल ने कहा, “कंगना सांसद हैं, उन्हें जिम्मेदारी और समझदारी से बोलना चाहिए। वे माहौल को खराब कर रही हैं और किसानों के जख्मों पर नमक छिड़क रही हैं।”