
इंडिया रिपोर्टर लाइव
आइजोल 23 अक्टूबर 2024। मिजोरम के लेंगपुई हवाई अड्डे को भारतीय वायुसेना को सौंपने का विरोध हो रहा है। अब मिजोरम की मुख्य विपक्षी पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के अध्यक्ष जोरमथांगा ने कहा है कि उनकी पार्टी राज्य के एकमात्र हवाई अड्डे लेंगपुई को भारतीय वायुसेना (आईएएफ) को सौंपने की किसी भी योजना का विरोध करेगी।
एमएनएफ ने कहा- किसी भी कीमत पर नहीं दिया जा सकता लेंगपुई हवाई अड्डा
मंगलवार को एमएनएफ ने अपनी 63वीं वर्षगांठ मनाई। इस दौरान पार्टी मुख्यालय में बोलते हुए पूर्व सीएम जोरमथांगा ने कहा कि ‘लेंगपुई हवाई अड्डा राज्य के अस्तित्व और अन्य क्षेत्रों के साथ संपर्क का स्रोत रहा है। अगर सरकार लेंगपुई हवाई अड्डे को भारतीय वायुसेना या अन्य एजेंसियों को सौंपने पर विचार करती है, तो एमएनएफ अंत तक इसका विरोध करेगी। हवाई अड्डे को किसी भी कीमत पर दूसरों को नहीं दिया जा सकता है।’
सीएम ने कहा- अभी तक नहीं लिया है अंतिम फैसला
गौरतलब है कि बढ़ते विरोध के चलते मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा है कि राज्य सरकार ने लेंगपुई हवाई अड्डे को भारतीय वायुसेना को सौंपने पर अभी तक फैसला नहीं किया है। उन्होंने कहा था कि हवाई अड्डे को भारतीय वायुसेना या निजी एजेंसियों को सौंपने की व्यवहार्यता का अध्ययन किया जा रहा है। इस काम के लिए गठित कार्य समिति वर्तमान में मामले का आकलन कर रही है और इसकी रिपोर्ट आगामी मंत्रिमंडल की बैठकों में पेश की जाएगी।
रणनीतिक रूप से अहम है ये हवाई अड्डा
लेंगपुई हवाई अड्डा, मिजोरम का एकमात्र हवाई अड्डा है और यह देश का एकमात्र हवाई अड्डा है, जिसका स्वामित्व राज्य सरकार के पास है। कुछ साल पहले वायुसेना ने इस एयरपोर्ट को वायुसेना को देने का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव के तहत एयरपोर्ट का पूरा संचालन वायुसेना द्वारा किया जाएगा। वहीं राज्य सरकार भी एयरपोर्ट में अपनी टर्मिनल इमारत और अन्य सुविधाओं का इस्तेमाल जारी रख सकती है। यह एयरपोर्ट बेहद रणनीतिक महत्व का है और बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा के बीच स्थित है। वायुसेना मिजोरम में सुरक्षा रडार सिस्टम भी तैनात करने पर विचार कर रही है।