
इंडिया रिपोर्टर लाइव
बिलासपुर 02 मार्च 2025। शायद ही ऐसी कोई शारीरिक समस्या हो, जिसका समाधान आयुर्वेद में न हो. फिर बात किडनी से संबंधित हो तो सबसे पहला नाम आता है पुनर्नवा का. इसे आयुर्वेद में रामबाण, अमृत जैसी उपाधियों से भी नवाजा जा चुका है. यह छोटा सा पौधा बड़े-बड़े लाभ देता है. यह न केवल किडनी, बल्कि हार्ट के लिए भी टॉनिक का काम करता है. दरअसल, पुनर्नवा एक संस्कृत शब्द है, जो पुनर और नव दो शब्दों से मिलकर बना है. पुनर का अर्थ एक बार फिर और नव का मतलब नया बनना है. पुनर्नवा एक औषधीय जड़ी बूटी है, जिसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं।
क्या कहती है स्टडी…?
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन की वेबसाइट पर छपे एक अध्ययन के मुताबिक, पुनर्नवा में इम्यूनो मॉड्यूलेशन, हेपेटो प्रोटेक्शन, एंटी कैंसर, एंटीडायबिटिक, एंटी-इन्फ्लेमेशन जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो कई बीमारियों से बचाव में मदद करते हैं।
पुनर्नवा हार्ट और किडनी के लिए रामबाण
बताया जाता है कि इस औषधीय जड़ी बूटी का इस्तेमाल इसके गुणों के कारण किडनी और मूत्र संबंधी समस्याओं के इलाज में किया जाता है. पुनर्नवा को हार्ट और किडनी दोनों के लिए रामबाण माना गया है. हालांकि, यह जड़ी बूटी खाने में कड़वी और तीखी होती है, लेकिन आयुर्वेदिक में यह कारगर है।
पीलिया, बुखार और मोटापे दूर करने में भी मददगार
पुनर्नवा को पीलिया, बुखार और मोटापे के इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. इसकी जड़ का रस भी काफी खास होता है, जो रतौंधी से पीड़ित लोगों की मदद करता है. इतना ही नहीं, इसका उपयोग दर्द और सूजन को भी कम करने का काम करता है. इसके अलावा, यह अस्थमा को कम करने के लिए भी जाना जाता है।
पोषक तत्व
इस जड़ी बूटी में मैग्नीशियम, सोडियम, कैल्शियम और पोटेशियम सहित मैक्रो मिनरल्स का एक मूल्यवान स्रोत होता है. मैग्नीशियम ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकता है. साथ ही, डायबिटीज को भी कंट्रोल करने में पुनर्नवा को फायदेमंद माना जाता है।
पुनर्नवा के अन्य गजब फायदे
पुनर्नवा डायबिटीज के अलावा अस्थमा, मोटापे का इलाज, ड्रॉप्सी, जलोदर, पेट के कीड़ों को मारने, रतौंधी (आंखों की एक बीमारी), दर्द और सूजन को कम करने, किडनी की समस्याओं को ठीक करने, त्वचा रोगों, एनीमिया, कब्ज के लिए लाभकारी है. स्वास्थ्य लाभों के लिए आमतौर पर पूरे पौधे या जड़ों का उपयोग किया जाता है।