
इंडिया रिपोर्टर लाइव
मुंबई 04 मार्च 2025। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता छगन भुजबल ने मंगलवार को कहा कि धनंजय मुंडे ने नैतिक आधार पर महाराष्ट्र के मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। अभी यह साबित नहीं हुआ है कि वह सरपंच संतोष देशमुख की हत्या में शामिल हैं। इस बीच मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने कहा कि महाराष्ट्र के मंत्री के रूप में धनंजय मुंडे का इस्तीफा पर्याप्त नहीं है। उन्होंने मांग की कि सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के लिए उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। इससे पहले मुंडे ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। कुछ दिन पहले ही उनके करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड को बीड के सरपंच की हत्या के मामले में मास्टरमाइंड बताया गया था। राकांपा विधायक मुंडे को मंत्रिमंडल से हटाने की विपक्ष की जोरदार मांग के बाद यह इस्तीफा सामने आया है।
इस मुद्दे पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार देर रात को उपमुख्यमंत्री और राकांपा प्रमुख अजित पवार, मुंडे सहित वरिष्ठ राकांपा नेताओं के साथ बैठक की। मसाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से संबंधित भयावह तस्वीरें और अदालती आरोपपत्र के विवरण सामने आने के बाद विपक्ष ने मुंडे के इस्तीफे की मांग तेज कर दी थी। इन तस्वीरों और अदालती आरोपपत्र में हत्या से पहले की गई क्रूरता का खुलासा हुआ है।
भुजबल ने और क्या कहा?
भुजबल ने पत्रकारों से कहा, ‘यह ज्ञात नहीं है कि वह संतोष देशमुख की हत्या के जघन्य अपराध में शामिल हैं या नहीं। पार्टी प्रमुख होने के नाते अजित पवार इस मुद्दे पर राकांपा के रुख के संबंध में फैसला लेंगे।’
मनोज जरांगे ने क्या-क्या आरोप लगाए?
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने गांव में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘सिर्फ मंत्री के रूप में मुंडे का इस्तीफा स्वीकार करना पर्याप्त नहीं है। उन्हें विधायक के रूप में भी इस्तीफा दे देना चाहिए। उन पर हत्या का भी मामला दर्ज होना चाहिए।’ उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी मुंडे के लोग थे और उन्होंने जो पैसा इकट्ठा किया वह मुंडे के पास गया।
क्या है मामला?
राज्य अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) ने 27 फरवरी को देशमुख की हत्या और दो संबंधित मामलों में बीड जिले की एक अदालत में 1,200 से अधिक पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया। सरपंच की हत्या, अवाडा कंपनी से पैसे ऐंठने की कोशिश और कंपनी के सुरक्षा गार्ड पर हमला करने के तीन अलग-अलग मामले बीड के केज थाने में दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कठोर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया है। सरपंच की हत्या, अवाडा कंपनी से पैसे ऐंठने की कोशिश और कंपनी के सुरक्षा गार्ड पर हमला करने के तीन अलग-अलग मामले बीड के केज थाने में दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कठोर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया है।