
इंडिया रिपोर्टर लाइव
लखनऊ 4 सितंबर 2020। उत्तर प्रदेश सरकार की कार्ययोजना जमीन पर उतरी तो 2030 तक अयोध्या देश की सबसे बड़ी धार्मिक पर्यटन नगरी होगी। सरकार का अनुमान है कि 10 साल बाद अयोध्या में सालाना आने वाले पर्यटकों की संख्या 5.25 करोड़ से अधिक होगी। अभी यह संख्या 1.70 करोड़ है। इस समय देश में सबसे ज्यादा सालाना 4 करोड़ धार्मिक पर्यटक हरमिंदर साहिब, अमृतसर में आते हैं। गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या की समग्र विकास योजनाओं का प्रजेंटेशन देखा। उन्होंने अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि सोलर सिटी बनने से जहां पर्यावरण संरक्षित और संतुलित रहेगा, वहीं इस पवित्र नगरी को एक नई पहचान मिलेगी।
निर्माण में दिखे संस्कृति की झलक
योगी ने कहा कि अयोध्या धाम का पौराणिक महत्व है। इसलिए इसकी पुरातन संस्कृति को अक्षुण्ण रखते हुए अयोध्या को विकसित किया जाए। निर्माण में संस्कृति और स्थानीय स्थापत्य की झलक दिखनी चाहिए। अयोध्या के सभी घाटों को संरक्षित करते हुए सौंदर्यीकरण करवाया जाए। उन्होंने कहा कि गुप्तार घाट से नए घाट तक रिवर फ्रंट विकसित किया जाए। यह भी पर्यटन का आकर्षण होगा। अयोध्या में मल्टीलेवल पार्किंग ऐसी हो, जिससे इसका व्यावसायिक उपयोग किया जा सके। बिजली के तार अंडर ग्राउंड किए जाएं।
विकसित किए जाएं परिक्रमा मार्ग
सीएम ने कहा कि पर्यटकों और श्रद्धालुओं के बाधारहित आवागमन पर विशेष ध्यान दिया जाए। अयोध्या में दो बस अड्डों की व्यवस्था बनाएं। पंचकोसी, चौदहकोसी व चौरासीकोसी परिक्रमा मार्गों को इस प्रकार विकसित किया जाए, जिससे श्रद्धालु सहजता से परिक्रमा कर सकें। उन्होंने पीएब्लूडी विभाग को विकास प्राधिकरण के सहयोग से शहर के मुख्य मार्गों के चौड़ीकरण के निर्देश दिए और कहा कि राम-जानकी मार्ग का निर्माण पूरी गुणवत्ता के साथ करवाया जाए। इन परियोजनाओं के पूरा होने से पूर्वांचल के बाकी जिलों के विकास की रफ्तार भी तेज होगी।
होटलों के लिए चिह्नित कर लें जमीन
सीएम ने कहा कि भविष्य में अयोध्या में देसी-विदेशी पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी। इसलिए अयोध्या में अच्छे होटलों के निर्माण को बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए जरूरी भूमि चिह्नित कर लें। धर्मशाला और विश्रामालय सुविधाओं का विस्तार किया जाए। अयोध्या में पर्यटन नीति के तहत अब तक 20 से ज्यादा होटलों के लिए प्रस्ताव मिले हैं। योगी ने एयरपोर्ट के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने अयोध्या के विश्वस्तरीय प्रचार-प्रसार की बेहतर योजना तैयार करने व गाइड सुविधा उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।
राज्यों, देशों, मठो कें होंगे सेंटर
अयोध्या में प्रस्तावित वैदिक सिटी और नव्य अयोध्या का खाका खींचने के लिए आवास विभाग विश्वस्तरीय कसंल्टेंट का चयन करेगा। इसके जरिए मास्टर प्लान बनाया जाएगा। फिलहाल 639 एकड़ भूमि चयनित की गई है। वैदिक नगरों की तरह इसका ले-आउट धनुराकार होगा। इसे भगवान राम की प्रतिमा के पास से योजना के दूसरे हिस्सों और सड़कों को ऐसे जोड़ा जाएगा, जैसे सूर्य की किरणें निकल रही हों। 25 राज्यों के गेस्ट हाउस भी प्रस्तावित हैं। वहीं, दक्षिण कोरिया सहित 5 देशों के लिए भी जगह आरक्षित की जाएगी। 50 से अधिक भूखंड धार्मिक संप्रदायों, मठों, आश्रमों व धर्मशालाओं के लिए भी आवंटित किए जाएंगे। वहीं, पर्यटन विभाग रामायण सर्किट के तहत 200 करोड़ का प्रस्ताव जल्द केंद्र को भेजेगा। इसके जरिए अयोध्या के सभी प्रवेश मार्गों पर भव्य तोरण द्वार, परिक्रमा पथों का विकास, टूरिस्ट फैसलिटेशन सेंटर आदि विकसित किए जाएंगे। संस्कृति विभाग ने कल्चर वॉक की भी कार्ययोजना तैयार की है। वॉक सुबह 6:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक आयोजित की जाएंगी।
पर्यटन पथ पर अयोध्या
- 5.25 करोड़ तक सालाना पर्यटकों की संख्या होगी 2030 तक
- 4 गुना तक विदेशी पर्यटक बढ़ने का अनुमान
- 80% पर्यटकों के लिए अभी डे ट्रिप है अयोध्या
- 5,000 से अधिक कमरों की जरूरत होगी 2030 तक पर्यटकों के लिए
- 258 करोड़ रुपये की योजनाएं चल रही हैं वर्तमान में