बिलासपुर : आदिम जनजाति समुदाय के त्यौहारों एवं उनके सांस्कृतिक तथा पारंपरिक नृत्यशैली को मंच प्रदान करने के लिये लोक कलाकारों को मौका दिया जा रहा है। इस कड़ी में आज जिला स्तर पर ट्रायबल डांस फेस्टिवल आयोजित की गई। जिसमें जिले के विभिन्न स्थानों से आये हुए 400 से अधिक कलाकारों ने अपना-अपना नृत्य प्रदर्शन कर धूम मचाई। जिला प्रशासन और आदिवासी विकास विभाग द्वारा आयोजित इस महोत्सव में कलेक्टर डॉ.संजय अलंग, पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रितेश अग्रवाल ने भी उपस्थित होकर कलाकारों का उत्साह बढ़ाया। जिला स्तरीय इस आयोजन में विकासखंड स्तर पर आयोजित डांस फेस्टिवल से चुने गये नृत्य दलों ने अपना प्रतिभा का प्रदर्शन किया। जिले के 7 विकासखंडों में यह कार्यक्रम आयोजित कर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले नर्तक दलों को इस महोत्सव में भाग लेने का अवसर दिया गया।
प्रतियोगिता में 21 नर्तक दलों ने चार नृत्यशैलियों में अपना प्रदर्शन किया। आदिवासी समुदायों में विवाह के अवसर पर किये जाने वाले नृत्य, फसल कटाई के दौरान किये जाने वाले नृत्य, पारंपरिक त्यौहार एवं अन्य अवसरों पर किये जाने वाले नृत्यों में कलाकारों ने उत्साह से अपनी प्रतिभा दिखाई। उनके प्रदर्शन से उपस्थित दर्शक भी झूमने को मजबूर हो गये।
प्रतियोगिता का अंतिम परिणाम इस प्रकार रहा
फसल कटाई के अवसर पर किये जाने वाले नृत्यशैली में प्रथम रोजलिया एवं साथी नर्तक दल गौरेला, द्वितीय बेलपान का नर्तक दल तखतपुर, तृतीय शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मरवाही के नर्तक दल रहे। इसी प्रकार पारंपरिक त्यौहार के अवसर पर किये जाने वाले नृत्य शैली में प्रथम शारीरिक प्रशिक्षण महाविद्यालय पेण्ड्रा, द्वितीय रघुवीर सिंह पण्डो बगरा गौरेला का नर्तक दल और तृतीय जय गौरा-गौरी नर्तक दल कछार मस्तूरी रहे। अन्य विधाओं जैसे सुआ, गेड़ी, करमा नृत्यशैली में प्रथम शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धनौली, द्वितीय शिवदयाल मरावी बिल्हा और तृतीय जागृति आदिवासी सुआ मस्तूरी का दल रहा। विजेताओं को शील्ड प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता के निर्णायक अग्रज नाट्यदल के संस्थापक योगेश पाण्डेय, जानी मानी लोक गायिका सुश्री लक्ष्मी कंचन और छत्तीसगढ़ के लोक कलाकार राधेश्याम पटेल थे।