
इंडिया रिपोर्टर लाइव
इंदौर 18 नवंबर 2021। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में अब कचरे से सीएनजी बनाई जाएगी। इस गैस से सिटी बस चलेंगी। कचरे से गैस बनाने वाला यह एशिया का सबसे बड़ा प्लांट होगा। नगर निगम को इससे करीब डेढ़ करोड़ रुपये की सालाना आय होगी और सस्ती सीएनजी मिलेगी। सीएनजी बनाने का यह प्लांट देवगुराडिया ट्रेंचिंग ग्राउंड पर है। बुधवार को सांसद शंकर लालवानी ने इस प्लांट का निरीक्षण किया। नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल भी उनके साथ मौजूद थीं। इस प्लांट से 550 टन घरेलू गीले कचरे से करीब 18 हजार लीटर बायो सीएनजी प्रतिदिन बनाई जाएगी। इस गैस का उपयोग नगर निगम अपनी सिटी बसों को चलाने एवं अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए करेगा। भारत के सबसे स्वच्छ शहर का चार बार खिताब हासिल कर चुके इंदौर के लिए यह एक और अनूठी उपलब्धि होगी। पूरे देश में यह पहला ऐसा प्लांट होगा जहां शहर से इकट्ठा किए हुए कचरे से सीएनजी बनाई जाएगी और उससे बसें चलाई जाएगी।
पीपीपी मॉडल के तहत किया स्थापित
सांसद शंकर लालवानी ने बताया यहां के कई पार्ट्स विदेशों से आने वाले थे लेकिन कोविड के कारण इसमें देरी हुई है। लेकिन समय पर इसे पूरा करने के प्रयास जारी है। इस प्लांट के उद्धाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करेंगे। यह प्लांट अगले माह से सीएनजी का उत्पादन प्रारंभ कर देगा। इसे पीपीपी मॉडल के तहत लगभग 150 करोड़ रुपये की लागत से एनवायरमेंटल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड सर्विसेज लिमिटेड दिल्ली द्वारा स्थापित किया गया है। नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि वर्तमान में शहर से लगभग 610 मीट्रिक टन गीला कचरा प्रतिदिन निकल रहा है जिसमें से 550 मीटर टन कचरे से सीएनजी गैस बनाई जाएगी। कंपनी से हुए अनुबंध के तहत 50 प्रतिशत सीएनजी कंपनी द्वारा बाजार दर से पांच रुपये प्रति लीटर कम दर पर नगर निगम को दी जाएगी। इससे शहर की सिटी बसें चलाई जाएंगी। वहीं इस प्लांट से नगर निगम को प्रतिवर्ष लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की आय भी होगी।