इंडिया रिपोर्टर लाइव
रांची 01 जून 2022। झारखंड में पंचायत और राज्यसभा चुनाव को लेकर राजनीति सरगर्मी तेज है। इसी बीच हेमंत सोरेन सरकार ने पिछली भाजपा सरकार को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे झारखंड की राजनीति सरगर्मी और तेज हो गई है। दरअसल झारखंड सरकार ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को भाजपा के रघुबर दास के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के मंत्रियों की कथित आय से अधिक संपत्ति की जांच करने का आदेश दिया है।
सोरेन सरकार की ओर से जारी की गई सूचना के मुताबिक झारखंड हाईकोर्ट में चल रहे एक मामले में पूर्व की सरकार के सीएम रघुबर दास के मंत्रीमंडल के पांच मंत्रियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं। यह मामला साल 2020 का है। जिसमें प्रार्थी पंकज कुमार यादव बनाम झारखंड राज्य एवं राज्य के पूर्व सरकार के मंत्रिमंडल के पूर्व मंत्रियों को लेकर आय से अधिक संपत्ति मामले में एक जनहित याचिका दायर की गई थी।
इस याचिका के संदर्भ में मंगलवार को राज्य सरकार ने एसीबी जांच के आदेश दिए हैं। अब इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो रघुबर दास सरकार के पांच मंत्रियों पर शिकंजा कस सकता है। सरकार ने अपने आदेश में वर्ष 2020 में याचिकाकर्ता पंकज यादव की याचिका का हवाला दिया है। उक्त याचिका में पंकज कुमार यादव ने पूर्व मंत्री नीलकंठ मुंडा, रणधीर सिंह, नीरा यादव, लुईस मरांडी और अमर बाउरी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच की मांग को लेकर 28 जनवरी 2020 को जनहित याचिका दाखिल की थी।
याचिकाकर्ता पंकज कुमार ने बताया कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास सरकार के पूर्व पांच मंत्रियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच की मांग झारखंड हाईकोर्ट से की गई थी। इस याचिका में वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों ने नामांकन के दौरान चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्र में अपनी संपत्ति 200 प्रतिशत से 1200 प्रतिशत तक बढ़ने की बात कही थी।