कोरोना वायरस संकट के बीच चीन ने रोका मेकांग नदी का पानी, चार देशों में पड़ा सूखा

indiareporterlive
शेयर करे

बैंकाक । कोरोना महासंकट के बीच इस महामारी का गढ़ रहे चीन का एक और अमानवीय चेहरा सामने आया है। चीन ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में बहने वाली मेकांग नदी में पानी का बहाव बहुत कम कर दिया है। इससे चार देशों थाइलैंड, लाओस, कंबोडिया और वियतनाम में भीषण सूखा पड़ गया है। इन देशों में हालात इतने खराब हो गए हैं कि किसानों और मछुआरों को प्रदर्शन करना पड़ा है। चीन के इस कदम के बाद ब्रह्मपुत्र नदी को लेकर भी संदेह के बादल उमड़ने लगे हैं। न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल फरवरी के अंतिम दिनों में चीन जब कोरोना से जूझ रहा था, उस समय उसके विदेश मंत्री को अचानक लाओस जाना पड़ा था। दरअसल, दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों की जीवनधारा कही जाने वाली मेकांग नदी में पानी कम होने के बाद लाओस के किसानों और मछुआरों ने जोरदार प्रदर्शन किया था। इसके बाद चीन के विदेश मंत्री वांग यी को लाओस जाना पड़ा।

चीन के इंज‍िनियरों ने कम किया बहाव
चीनी विदेश मंत्री ने कहा था कि वह किसानों और मछुआरों के दर्द को समझते हैं। उन्‍होंने दावा किया कि चीन भी इस साल सूखे का सामना कर रहा है और इससे मेकांग नदी में पानी कम हो रहा है। चीन के दावे के उलट अमेरिकी जलवायु विज्ञानियों के शोध से खुलासा हुआ है कि ऐसा पहली बार है जब चीन सूखे का सामना नहीं कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि तिब्‍बत के पठार से मेकांग नदी निकलती है और चीनी इंज‍िन‍ियरों ने सीधे तौर पर नदी के पानी के बहाव को बहुत कम कर दिया है।

दक्षिण पूर्व एशिया की ‘गंगा’ है मेकांग
भारत में जो स्‍थान गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी का है, वही दक्षिण पूर्व एशिया में मेकांग नदी का है। इस नदी पर करोड़ों लोगों की आजीविका निर्भर है। ये लोग खेती और मछली पकड़ने के लिए मेकांग नदी के पानी पर निर्भर हैं। लेकिन चीन में बड़े पैमाने पर बांध बन जाने की वजह से यह नदी सूखती जा रही है। इस नदी पर मछली पकड़ने के लिए निर्भर लोगों का कहना है कि पानी की लगातार कमी हो रही है। कभी-कभी लगातार सूखा पड़ रहा है और कभी अचानक से बाढ़ आ जा रही है। इससे किसानों की मुश्किल बहुत बढ़ गई है।

चीन ने ब्रह्मपुत्र पर बनाया विशाल बांध
चीन ने कुछ साल पहले ही तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर बना सबसे बड़ा बांध चालू था। इस परियोजना से जल आपूर्ति में बाधा पड़ने को लेकर भारत की चिंताएं बढ़ गई हैं। चीन की सबसे बड़ी पनबिजली परियोजना का नाम ‘जम हाइड्रोपावर स्टेशन’ है। इससे डेढ़ अरब डॉलर की लागत से इसे बनाया गया है। शन्नान प्रिफेक्चर के ग्यासा काउंटी में स्थित ‘जम हाइड्रो पावर स्टेशन’ को ‘जांगमू हाइड्रोपावर स्टेशन’ के नाम से भी जाना जाता है। यह ब्रह्मपुत्र नदी के पानी का इस्तेमाल करता है। ब्रह्मपुत्र नदी को तिब्बत में यारलुंग जांगबो नदी के नाम से जाना जाता है। यह नदी तिब्बत से भारत आती है और फिर वहां से बांग्लादेश जाती है।

Leave a Reply

Next Post

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला खत – कोरोना से लड़ाई का रोड़ मैप बतायें

शेयर करेइंडिया रिपोर्टर लाइव रायपुर (छत्तीसगढ़)। राजेश बिस्सा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खुला खत में लिखा है कि अंबेडकर जयंती के दिन मैं दुर्भाग्यवश उन लोगों को रोते बिलखते सड़कों पर देख रहा हूं जिनके कल्याण के लिये बाबा साहब ने पूरा जीवन अर्पण कर दिया था। मुंबई में […]

You May Like

करीब आ रहे बांग्लादेश-पाकिस्तान; दोनों के कूटनीतिक-व्यापारिक रिश्ते भारत के लिए कितने चिंताजनक....|....कजाखस्तान में 67 लोगों को ले जा रहा विमान दुर्घटनाग्रस्त, 30 से ज्यादा की मौत; 28 को बचाया गया....|....बांग्लादेश की शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने की मांग पर भारत ने दिखाया कड़ा रुख....|....ईडी ने दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कास्कर पर की बड़ी कार्रवाई, जब्त किया ठाणे का फ्लैट....|....केंद्रीय गृहमंत्री बोले- सुरक्षा ढांचे को मजबूत करे आईबी, भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहे....|....इस बार गणतंत्र नहीं, वीर बाल दिवस पर मिलेगा बहादुर बच्चों को पुरस्कार; राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित....|....वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर राज्यों से सुझाव लेगी संयुक्त संसदीय समिति, 26-27 दिसंबर को होगी अहम बैठक....|....संभल, वाराणसी के बाद जौनपुर में मंदिर विवाद, शाही पुल की दीवार के अंदर मां काली की मूर्ति होने का दावा....|....सीएम आतिशी के सामने होंगी अलका!... 28 सीटों पर बनी बात; आज आ सकती है कांग्रेस की दूसरी लिस्ट....|....विष्णु के सुशासन में महिलाओं को मिल रहा सम्मानः विधायक अमर अग्रवाल