इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 12 फरवरी 2024। भारत को एक बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है। कतर ने जिन आठ भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मचारियों को मौत की सजा सुनाई थी, उन्हें रिहा कर दिया गया है। आठ में से सात कर्मचारी भारत आ चुके हैं। भारत पहुंचे नागरिकों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बिना भारत वापस आना हमारे लिए असंभव था। उन्होंने इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में निरंतर राजनयिक प्रयासों को दिया है। वहीं सभी पूर्व कर्मियों की रिहाई पर सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी की वाहवाही हो रही है। हर कोई मोदी की तारीफ कर रहा है।
भारत माता की जय के नारे
दिल्ली हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद नौसेना के सात पूर्व अधिकारियों ने भारत माता की जय के नारे लगाए। एक पूर्व सैनिक ने सजा सुनाए जाने के संबंध में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी से सीधे तौर पर बात करने के लिए मोदी का शुक्रिया अदा किया। साथ ही उन्होंने अपनी आजादी के लिए प्रधानमंत्री के कूटनीतिक कदमों की अहम भूमिका पर जोर दिया।
खुशी महसूस कर रहा हूं
उन्होंने अपनी रिहाई पर कहा, ‘मैं वापस घर लौटने पर राहत और खुशी महसूस कर रहा हूं। मैं प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंकि यह संभव नहीं होता अगर हमारी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप नहीं होते। मैं कतर राज्य के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के प्रति भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं।
मोदी के हस्तक्षेप के बिना हम …
एक अन्य रिहा हुए पूर्व नौसेना अधिकारी ने भी इसी तरह की भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी के हस्तक्षेप के बिना हम रिहा नहीं हो पाते। हम आज आपके सामने खड़े नहीं होते अगर हमें आजादी दिलाने के लिए उनके अथक प्रयास और हस्तक्षेप नहीं होते। कतर से मौत की सजा से बचकर लौटे पूर्व कर्मचारियों को लेकर सोशल मीडिया पर हर कोई भावुक नजर आया। सभी यूजर्स प्रधानमंत्री मोदी की वाहवाही कर रहे हैं।
‘मोदी गारंटी’ ने जादू की तरह काम किया
सूचना और प्रसारण मंत्रालय की वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता ने एक्स पर कहा, ‘मोदी सरकार ने आश्वासन दिया था कि वे सभी भारतीयों को सुरक्षित वापस लाएगी। हमेशा की तरह पीएम की ‘मोदी गारंटी’ ने जादू की तरह काम किया है। सभी आठ को रिहा कर दिया गया है। सात घर वापस आ गए हैं। मोदी हैं को मुमकिन है। उन्होंने आगे कहा, ‘बेशक, भारत को एलएनजी बेचने के लिए कतर के साथ सौदों पर हस्ताक्षर करके इसकी कीमत चुकानी पड़ी। बहरहाल, सरकार ने राष्ट्र के सम्मान को बचाया और इसकी सराहना की जानी चाहिए!