इंडिया रिपोर्टर लाइव
इंफाल 07 अप्रैल 2024। मणिपुर हिंसा के 11 महीने बाद चुनाव आयोग राज्य में लोकसभा चुनाव कराने के चुनौतीपूर्ण काम के लिए कमर कस रहे हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रदीप कुमार झा ने बताया कि 24,500 से अधिक विस्थापित लोगों को आगामी चुनावों में मतदान करने के लिए मतदाता के तौर पर पहचान किया गया है। राहत शिविरों में रहने वाले मतदाताओं को मदतान देने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
हिंसा के बीच मणिपुर में हो रही लोकसभा चुनाव तैयारियां
लोकसभा चुनाव के लिए मणिपुर में कुल 2,955 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। विस्थापित लोगों को मतदान की सुविधा प्रदान करने के लिए 94 विशेष मतदान केंद्र भी बनाए जा रहे हैं। प्रदीप कुमार झा ने कहा, “राज्य में मतदान कराने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है। हमने मतदाता जागरूकता गतिविधियां भी शुरू कर दी है। मणिपुर हिंसा के बाद कुछ लोगों में निराशा और नकारात्मकता है। ऐसे में ये गतिविधियां विस्थापित लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है।
पिछले साल तीन मई से जारी हिंसा में अबतक 219 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हिंसा के कारण 50,000 के करीब लोग विस्थापित हो गए। वे फिलहाल राहत शिविरों में रह रहे हैं। बता दें कि मणिपुर में लोकसभा चुनाव दो चरणों में 19 और 26 अप्रैल को मतदान होगा।
चुनाव का बहिष्कार करने की मांग
कई लोगों ने संघर्षग्रस्त राज्य में चुनाव को लेकर सवाल उठा रहे हैं। उनमें से कुछ ने इस चुनाव का बहिष्कार करने की भी मांग की है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रदीप कुमार ने आंकड़े साझा करते हुए बताया कि राज्य में 20 लाख से अधिक मतदाता हैं और महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। चुनाव को लेकर राज्य में तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर प्रदीप कमार ने कहा, “राज्य में अर्धसैनिक बलों की 200 से अधिक कंपनियों की तैनाती की गई है। उन्होंने कहा, पूरे राज्य में सुरक्षा का इंतजाम किया जा रहा है। राज्य में हिंसा को देखते हुए सुरक्षा को लेकर चिंताएं हैं, लेकिन इन चिंताओं का समाधान भी किया जा रहा है।
राज्य में मतदान से पहले राजनीतिक दलों के पोस्टर, नेताओं की रैलियां नहीं हो रही है। केवल स्थानीय चुनाव अधिकारियों द्वारा लगाए गए पोस्टर और होर्डिंग्स ही है, जिसमें नागरिकों से अपने मताधिकार का प्रयोग करने का आग्रह किया गया है।