
इंडिया रिपोर्टर लाइव
चेन्नई 08 अप्रैल 2024। डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने सोमवार को केंद्र सरकार पर कच्चातिवु द्वीप को चुनावी रणनीति में बदलने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र कच्चातिवु द्वीप का मुद्दा इसलिए उठा रही है क्योंकि विपक्ष ने उनके सामने भारत-चीन सीमा मुद्दे पर सवाल किया था। आगामी लोकसभा चुनाव में कनिमोझी करुमानिधि थूथुकुडी संसदीय क्षेत्र से डीएमके उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगी।
कनिमोझी करुणानिधि को थूथुकुड़ी संसदीय क्षेत्र से जीत की उम्मीद
थूथुकुड़ी संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीतने का विश्वास रखते हुए कनिमोझी करुणानिधि ने कहा, “थूथुकुड़ी में जीतने की संभावना है। इन सभी वर्षों में कच्चातिवु द्वीप का ख्याल तभी आया जब चुनाव के दौरान विपक्ष भारत-चीन सीमा मुद्दा पर बात कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि कच्चातिवु द्वीप के आसपास के क्षेत्र और मचली पकड़ने का विवाद आम चुनाव से पहले ही सुर्खियों में है। भाजपा और विपक्ष इस मुद्दे पर विवाद कर रहे हैं।”
बता दें कि कच्चातिवु द्वीप रामेश्वरम में भारत और श्रीलंका के बीच स्थित है। इस क्षेत्र का इस्तेमाल दोनों क्षेत्रों के मछुआरे करते हैं। 1974 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने भारत-श्रीलंका समुद्री समझौते के तहत कच्चातिवु द्वीप को श्रीलंका के क्षेत्र के तौर पर स्वीकार किया था।
क्या है कच्चातिवु द्वीप मामला
तमिलनाडु की तमाम सरकारें 1974 के समझौते को मानने से इनकार करती रहीं और श्रीलंका से द्वीप को दोबारा प्राप्त करने की मांग उठाती रहीं। 1991 में तमिलनाडु विधानसभा द्वारा समझौते के खिलाफ एक प्रस्ताव लाया गया जिसके जरिए द्वीप को पुनः प्राप्त करने की मांग की गई थी।
2008 में तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता केंद्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गईं और कच्चातिवु समझौतों को रद्द करने की अपील की। उन्होंने कहा था कि श्रीलंका को कच्चातिवु उपहार में देने वाले देशों के बीच दो संधियां असंवैधानिक हैं। इसके अलावा साल 2011 में जयललिता ने एक बार फिर से विधानसभा में प्रस्ताव पारित कराया।
मई 2022 में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पीएम मोदी की मौजूदगी में एक समारोह में मांग की थी कि कच्चातिवु द्वीप को भारत में पुनः प्राप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि पारंपरिक तमिल मछुआरों के मछली पकड़ने के अधिकार अप्रभावित रहें, इसलिए इस संबंध में कार्रवाई करने का यह सही समय है।
19 अप्रैल को तमिलनाडु में मतदान
बता दें कि तमिलनाडु की सभी 39 सीटों पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा। 2019 लोकसभा चुनाव में डीएमके के नेतृत्व वाली धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन (जिसमें कांग्रेस, वीसीके, एमडीएमके, सीपीआई, सीपीआई(एम), आईयूएमएल, एमएमके, केएमडीके, टीवीके, एआईएफबी शामिल थी) ने 39 में से 38 सीटें जीतकर राज्य में शानदार जीत हासिल की थी। देश भर में 543 लोकसभा सीटों पर सात चरणों में 19 अप्रैल से मतदान शुरू होगा।