इंडिया रिपोर्टर लाइव
पणजी 29 अक्टूबर 2024। गोवा शिपयार्ड लि. (जीएसएल) ने सोमवार को तीव्र गति के दो स्वदेशी गश्ती पोत (एफपीवी) अदम्य और अक्षर का जलावतरण किया। इन पोतों के शामिल होने से तटरक्षक बलों की ताकत और बढ़ेगी। इनका इस्तेमाल अपतटीय परिसंपत्तियों एवं द्वीप क्षेत्रों की सुरक्षा एवं निगरानी में किया जाएगा। भारतीय तटरक्षक महानिदेशक (डीजी) परमेश शिवमणि की पत्नी प्रिया परमेश ने अथर्ववेद के श्लोकों के उच्चारण के बीच इन पोतों अदम्य और अक्षर का औपचारिक जलावतरण किया। जीएसएल के मुताबिक, अत्याधुनिक स्वदेशी गश्ती पोत तटरक्षक बल की विशिष्ट परिचालन जरूरतों को ध्यान में रखकर निर्मित किए गए हैं।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम
महानिदेशक परमेश शिवमणि ने यह जलावतरण जीएसएल की जरूरत के अनुसार, ढलने की क्षमता और प्रतिभा को दर्शाता है, जिसे भारतीय उद्योग के साथ घनिष्ठ सहयोग से पूरा किया गया है। इन पोतों की स्वदेशी सामग्री आत्मनिर्भर भारत की पहल को भी गौरवपूर्ण तरीके से दर्शाती है। अदम्य और अक्षर की आधारशिला 25 अगस्त, 2023 को रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने रखी थी।
द्वीपीय क्षेत्रों की करेंगे निगरानी
52 मीटर लंबाई और आठ मीटर चौड़ाई वाले ये पोत अपतटीय परिसंपत्तियों और द्वीपीय क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निगरानी में बेहद उपयोगी साबित होंगे। जीएसएल भारतीय तटरक्षक बल के लिए आठ एफपीवी के बेड़े का निर्माण कर रहा है, जो रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने में शिपयार्ड की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।