इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 18 नवंबर 2024। इसी साल अगस्त महीने में शेख हसीना की विदाई के बाद बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच बन रहे मजबूत द्विपक्षीय रिश्ते ने भारत की सिरदर्दी बढ़ा दी है। मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली वर्तमान कार्यवाहक सरकार का एक-एक फैसला जहां बांग्लादेश को पाकिस्तान के करीब ला रहा है, वहीं इस फैसले से बांग्लादेश और भारत की दूरी लगातार बढ़ती जा रही है। बुधवार को पाकिस्तानी मालवाहक पोत का कराची बंदरगाह से सीधे चटगांव बंदरगाह पहुंचने के बाद भारत सतर्क है। गौरतलब है कि बांग्लादेश के अस्तित्व में आने के बाद दोनों देशों के बीच पहली बार सीधा समुद्री संपर्क हुआ है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
विशेषज्ञों का मानना है कि शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद गठित अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस कठपुतली हैं। असली सरकार अतीत में पाकिस्तान को समर्थन देने की नीति अपनाने वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी(बीएनपी) और सेना चला रही है। यही कारण है कि अपने गठन के बाद से ही यह सरकार लगातार पाकिस्तान और चीन से करीबी बढ़ा कर भारत विरोधी फैसले ले रही है। कूटनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि कार्यवाहक सरकार के इस नए एजेंडे से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की बांग्लादेश में पैठ मजबूत होगी और इससे फिलहाल पूरी तरह से नियंत्रित पूर्वोत्तर के अलगाववादी संगठनों को नया खाद पानी मिलेगा।
सरकार मुल्ला-मिलिट्री शासन के अधीन
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में यूनुस नाम मात्र के मुखिया हैं। नागरिक मुखौटा लगा कर यह सरकार मुल्ला-मिलिट्री शासन के अधीन है। सेना और कट्टरपंथी इस्लमावादियों के साथ सांठगांठ स्पष्ट है। कैप्टन और उससे ऊपर के रैंक के सैन्य अधिकारियों को मजिस्ट्रियल शक्तियां दे दी गई हैं। यह तेजी से हिंसक इस्लामवादियों का गढ़ बनता जा रहा है। बिना जनादेश वाली अंतरिम सरकार बहुलतावादी और समन्वयवादी परंपराओं को खत्म कर बांग्लादेश को इस्लामिक राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है।
अमेरिका के रुख पर रहेगी नजर
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद अमेरिका में भी सत्ता परिवर्तन हुआ है। माना जा रहा है कि बांग्लादेश तख्तापलट के पीछे अमेरिका की बाइडेन सरकार का हाथ रहा है। इस तख्तापलट के कारण दक्षिण एशिया में पाकिस्तान और चीन हाथ मजबूत हो रहा है,जो अमेरिका के हित में नहीं है। ऐसे में सबकी निगाहें नए साल में अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले डोनाल्ड ट्रंप पर होगी, जो पहले ही बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अल्पसंख्यक हिंदुओं और ईसाईयों के उत्पीड़न पर चिंता जता चुके हैं। ट्रंप बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया यूनुस के विरोधी माने जाते हैं।
आयातित सभी सामानों की अनिवार्य जांच अब बंद
अंतरिम सरकार ने पाकिस्तान के साथ सीधा समुद्री संपर्क बहाल करने से पहले भी कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिसका भारत के हित पर प्रतिकूल असर पड़ना स्वाभाविक है। मसलन बांग्लादेश के नेशनल बोर्ड ऑफ रेवेन्यु (एनबीआर) ने पाकिस्तान से आयातित सभी सामानों की अनिवार्य जांच के दशकों पुराने फैसले को पलट दिया।
इसके कारण पाकिस्तान से बांग्लादेश तक ड्रग्स और हथियारों की तस्करी आसान हो गई। बांग्लादेश ने पाकिस्तान के साथ संयुक्त नौसैनिक अभ्यास में भाग लेने की घोषणा की है। दूसरी ओर पाकिस्तान ने बांग्लादेश के नागरिकों के लिए तत्काल फ्री वीजा सेवा शुरू की है।
कई गंभीर खतरे
बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच सीधा समुद्री संपर्क भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। इस संपर्क के कारण पाकिस्तान पोत चटगांव और मोंगला बंदरगाह तक पहुंच बना सकेंगे। चटगांव से सीधा संपर्क का मतलब पाकिस्तान का उस म्यांमार से सीधा संपर्क होना है, जहां से पूर्वोत्तर के अलगाववादी संगठनों को हथियार और ड्रग्स मुहैया कराते जाते रहे हैं। गौरतलब है कि चटगांव और मोंगला तक सीधी पहुंच नहीं मिलने से पहले पाकिस्तान को वाया सिंगापुर और श्रीलंका सामान भेजना पड़ता था, जिसकी जांच में आसानी होती थी।