मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री के मुद्दे पर बीजेपी से रास्ते अलग होने के बाद से शिवसेना नेता संजय राउत का तीखा प्रहार जारी है। इस बार उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को अपना निशाना बनाया है। राउत ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के अपने कॉलम ‘रोकटोक’ में लिखा कि जरूरत से ज्यादा आत्मविश्वास और दिल्ली पर निर्भरता ने फडणवीस की राजनीति खत्म कर दी।
फिल्म की पटकथा जैसी घटीं घटनाएं: राउत
राउत ने लिखा, ‘अति-आत्मविश्वास और उनका दिल्ली के वरिष्ठ नेताओं पर भरोसे ने उनकी राजनीति तबाह कर दी। पिछले महीने की गतविधियां ‘सिंहासन’ फिल्म की नई पटकथा जैसी लगती है।’ राउत ने जिस ‘सिंहासन’ का उदाहरण दिया है, वह साल 1979 में आई एक मराठी फिल्म है। यह दिवंगत लेखक अरुण संधू के उपन्यास ‘सिंहासन’ और ‘मुंबई दिनांक’ पर आधारित है।
महाराष्ट्र सरकार: सुलझा ठाकरे सरकार का पेच? आखिर स्पीकर पर राजी हुई कांग्रेस
‘वरिष्ठ नेताओं पर भरोसा से फडणवीस की राजनीति तबाह’
राउत ने अपने लेख में चुनाव से पहले विपक्ष को लेकर दिए बयान के हवाले से भी फडणवीस पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि अपनी इन्हीं बचकानी टिप्पणियों की वजह से वह (फडणवीस) खुद विपक्षी नेता बन गए। फडणवीस ने कहा था कि वह वापस लौटेंगे, लेकिन उनकी सत्ता हासिल करने की जल्दबाजी और बचकानी टिप्पणियां प्रदेश में बीजेपी को ले डूबीं और वह खुद विपक्ष बन गए। राउत ने लिखा, ‘विधानसभा चुनाव के दौरान फडणवीस ने कहा था कि राज्य में कोई विपक्षी दल नहीं बचेगा और शरद पवार का काल खत्म हो रहा है। इसके अलावा, उन्होंने दावा किया था कि प्रकाश आंबेडकर का वंचित बहुजन आघाड़ी मुख्य विपक्षी दल होगा। अब वह खुद विपक्ष में बैठे हैं।’
‘अजित पवार की बेचैनी से अलायंस को फायदा’
शिवसेना के राज्यसभा सांसद ने कहा कि ऐसा लगता है कि बीजेपी आलाकमान से मिले आदेश ने बड़ी भूमिका निभाई। बीजेपी को समर्थन देने की अजित पवार की बेचैनी शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस को और नजदीक लेकर गई और उन्होंने गठबंधन बनाया। उन्होंने कहा कि इससे बगावत करने वाले एनसीपी के अन्य विधायकों पर भी दबाव बना और हर किसी के शरद पवार के पास लौटने से उनके भतीजे अजित पवार भी लौट आए।
मुझे मजा आ रहा है: राउत
राउत ने लेख में एनसीपी चीफ शरद पवार की तारीफ की और कहा, ‘मुझे यह देखकर मजा आ रहा है कि जो लोग अजित पवार के फडणवीस के साथ गठजोड़ को शरद पवार की ही साजिश बता रहे थे, वह अब महाविकास आघाड़ी सरकार बनने के बाद एनसीपी प्रमुख के आगे नतमस्तक हो रहे हैं।’ राउत ने दावा किया कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के साथ आने से महाराष्ट्र में जो हुआ वह देश को भी स्वीकार है।
“मुझे यह देखकर मजा आ रहा है कि जो लोग अजित पवार के फडणवीस के साथ गठजोड़ को शरद पवार की पहले से तय योजना बता रहे थे, वह अब महाविकास आघाड़ी सरकार बनने के बाद एनसीपी प्रमुख के आगे नतमस्तक हो रहे हैं।”-संजय राउत
‘भीड़ तंत्र के आगे नहीं झुका महाराष्ट्र’
राउत ने अपने लेख में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व पर भी तीखा हमला बोला। राउत ने कहा कि महाराष्ट्र, दिल्ली की तरह चल रहे ‘भीड़ तंत्र’ के आगे नहीं झुका। अहम यह है कि उद्धव ठाकरे मोदी-शाह के दबदबे को खत्म कर सत्ता में आए। राउत ने भरोसा जताया कि उद्धव सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।
शरद पवार की एक बार खुलकर तारीफ
राउत ने कहा कि अगर शरद पवार आगे नहीं आते तो यह गठबंधन कभी नहीं हो पाता। कांग्रेस में हर किसी को शिवसेना से हाथ मिलाने को लेकर संशय था। शरद पवार ने ही सोनिया गांधी से कहा कि शिवसेना संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ मित्रवत संबंध थे। शिवसेना ने देश में आपातकाल के बाद हुए राज्य विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के खिलाफ अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया था।
शिवसेना ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी का भी समर्थन किया था। शिवसेना नेता ने कहा कि मुंबई में हिंदी भाषी समुदाय भी शिवसेना को वोट देता है इसलिए पार्टी शहर के नगर निकाय चुनाव जीतती आ रही है। शरद पवार ने यह भी सोनिया गांधी को बताया।
‘गवर्नर कोश्यारी ने नहीं निभाया वादा’
राउत ने कहा कि महाराष्ट्र राज्यपाल के कार्यालय ने फडणवीस और एनसीपी नेता अजित पवार की 80 घंटे की सरकार में खलनायक की भूमिका निभाई। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एक बार मुझसे कहा था कि वह संविधान की रूपरेखा के इतर जाकर कुछ भी नहीं करेंगे, लेकिन बाद में उन्होंने जल्दबाजी में देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को शपथ दिला दी।