इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 07 जुलाई 2021। केंद्र सरकार द्वारा जारी नये सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों का पालन नहीं किए जाने पर हाईकोर्ट ने मंगलवार को ट्विटर को आड़े हाथ लिया। न्यायालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए ट्विटर को दो दिन के भीतर यह बताने को कहा है कि वह नये आईटी नियमों के तहत कब तक स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी (आरजीओ) नियुक्त करेगा। पिछली सुनवाई में माइक्रोब्लॉगिंग मंच ने न्यायालय को बताया था कि स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है।
जस्टिस रेखा पल्ली ने इस बात के लिए भी ट्विटर की खिंचाई की कि 31 मई को हुई सुनवाई के दौरान न्यायालय को यह नहीं बताया गया था कि पहले आरजीओ की नियुक्ति सिर्फ अंतरिम आधार पर थी, जो इस्तीफा दे चुके हैं। न्यायालय ने कहा कि ट्विटर ने इस बारे में न्यायालय को भ्रम में रखा। जस्टिस पल्ली ने कहा कि यदि अंतरिम आरजीओ ने 21 जून को इस्तीफा दे दिया तो आप (ट्विटर) 15 दिन में किसी अन्य व्यक्ति को नियुक्त कर सकते थे। आपको पता था कि 6 जुलाई को मामले की सुनवाई होने वाली है। हाईकोर्ट ने ट्विटर से कहा कि आरजीओ नियुक्त करने में आपको कितना वक्त लगेगा, दो दिन में विस्तृत जानकारी दें।
अनिश्चित समय नहीं दे सकते
हाईकोर्ट ने ट्विटर से कहा कि ‘यदि आपको ऐसा लगता है कि आप जितना चाहें, उतना समय ले सकते हैं, तो मैं आपको इसकी अनुमति नहीं दूंगी। आपको देश के कानून का पूरी तरह से पालन करना होगा। इस पर ट्विटर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सजन पूव्या ने कहा कि उनके मुवक्किल (ट्विटर) अधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया पर तेजी से काम कर रहा है। वरिष्ठ अधिवक्ता पूव्या ने न्यायालय के एक सवाल के जवाब में कहा कि यह सही है कि ट्विटर ने अभी तक भारत सरकार के नये आईटी नियमों का पालन नहीं किया है, लेकिन अधिकारी की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। ट्विटर को निश्चित तौर पर नियमों का पालन करना चाहिए और वह करेगा भी। हालांकि, इसके लिए उन्होंने ट्विटर को समुचित समय देने की मांग की।
ट्विटर को किसी तरह का संरक्षण नहीं, केंद्र कार्रवाई को स्वतंत्र
केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल चेतन शर्मा ने नए आईटी निययों का पालन नहीं करने को लेकर न्यायालय से कहा कि ट्विटर का यह रवैया देश की डिजिटल संप्रभुता के लिए अलाभकारी है। इस पर जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि ‘मैंने पहले ही ट्विटर को साफ कर दिया है कि उन्हें नियमों का पालन करना होगा और मैं उन्हें कोई संरक्षण नहीं दे रही।’ उन्होंने सरकार से कहा कि यदि ट्विटर कानून का पालन नहीं करता है तो आप किसी भी तरह की कार्रवाई के लिए स्वतंत्र हैं। न्यायालय ने कहा कि यदि ट्विटर देश में काम करना चाहता है तो उन्हें नियमों का पालन करना होगा। हाईकोर्ट अधिवक्ता अमित अचार्य की ओर की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिका में उन्होंने आरोप लगाया है कि समय सीमा समाप्त होने के बाद भी ट्विटर ने नियमों का पालन नहीं किया।