संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से शुरू हो कर 13 दिसंबर तक चलेगा. सरकार ने दोनों सदनों के सचिवालयों को सूचित किया है.
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इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से शुरू हो कर 13 दिसंबर तक चलेगा. इस सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण अध्यादेशों को संसद से पारित कराने पर जोर देगी वही विपक्ष का जोर आर्थिक मंदी एवं कश्मीर जैसे मुद्दों पर रहेगा. ऑटो सेक्टर की मंदी और कश्मीर का मसला हाल के दिनों में काफी चर्चा में रहा. कश्मीर में अभी भी इंटरनेट पर पाबंदी लगी हुई है. सत्र के दौरान ऑटो सेक्टर से लेकर अन्य क्षेत्रों में जारी आर्थिक लचरता को लेकर सरकार के खिलाफ विपक्ष एकजुट हो सकता है. पिछले दिनों ऑटो सेक्टर में भारी गिरावट की खबर आई थी. कपड़ा उद्योग में भी इसी तरह की खबरें आ रही थीं. इसके बाद सरकार ने कुछ घोषणाओं के जरिय उद्योग जगत को टैक्स में छूट देकर राहत देने की घोषण भी की थी. जीडीपी दर में भी गिरावट का अनुमान है. ऐसे में सरकार के खिलाफ अगर विपक्ष एकजुट हुआ तो संसद में इस पर बहस हो सकती है. दूसरा मसला जम्मू-कश्मीर का है. 5 अगस्त जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा लिया गया था. वहां के कुछ नेता अभी भी हाउस-अरेस्ट है. पोस्टपेड मोबाइल शुरू कर दिया गया है लेकिन एसएमएस सेवा अभी भी बंद है. इस मुद्दे को संसद में विपक्ष उठा सकता है.
सरकार क्या करने वाली है शीतकालीन सत्र में
वहीं आर्थिक मोर्चे पर देश को संभालने के लिए सरकार ने कई घोषणाएं की. ऑटो समेत कई दूसरे सेक्टर से मंदी की खबरें आ रही थी. ऐसे में सरकार ने उद्योग जगत को राहत देने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की. कंपनी के टैक्स में कटौती समेत कई राहत दी गई. सरकार इससे संबंधित अध्यादेशों को कानून बनाने की योजना पर काम कर रही है. इनमें से एक अध्यादेश सितंबर में आयकर अधिनियम, 1961 और वित्त अधिनियम, 2019 में संशोधन के लिए जारी किया गया था. ई-सिगरेट को लेकर सरकार ने काफी कड़े कदम उठाए हैं जिसके तहत ई-सिगरेट और इसी तरह के उपकरणों की बिक्री, निर्माण और भंडारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इससे संबंधित अध्यादेश सितंबर में जारी किया गया था. इस शीतकालीन सत्र में सरकार उसे कानूनी रूप देने का प्रयास करेगी. पिछले दो वर्षों में शीतकालीन सत्र 21 नवंबर को शुरू हुआ था और जनवरी के पहले सप्ताह तक चला था.